-जहां पर्याप्त सुरक्षा उपकरण व प्रशिक्षित स्टाफ हैं, वहीं इमर्जेंसी की अनुमति
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता से जरूरत पड़ने पर सिर्फ चिकित्सा विभाग द्वारा अनुमोदित अस्पतालों की इमर्जेंसी में ही जाने की अपील करते हुए मंगलवार को कहा कि गैर अनुमोदित अस्पताल में जाने से खतरा हो सकता है।
प्रमुख सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इमर्जेंसी सेवा कहां हो, और कहां पर नहीं, इसका निर्धारण चिकित्सा विभाग ने कर दिया है। अगर कहीं कोई बीमार है तो किसी भी सूरत में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित अस्पतालों के अलावा और कहीं भी न जाएं। किसी भी गैर अनुमोदित अस्पताल की इमर्जेंसी में न जाएं।
उन्होंने कहा गैर अनुमोदित अस्पताल की इमर्जेंसी में जाने पर उन अस्पतालों से दूसरों को भी खतरा हो सकता है। केवल जहां पर्याप्त सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ हैं, वहीं इमर्जेंसी की अनुमति दी गयी है। इस बारे में शासनादेश भी जारी हो चुका है।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के उपचार के लिय प्लाजमा थेरेपी के बारे में आयी खबरों के मद्देनजर राज्य में भी इस थेरेपी पर काम करने के लिये प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री को यह बताया गया कि प्रदेश में दो जगह इस थेरेपी पर काम हो रहा है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज टीम-11 की बैठक में इस बात पर जोर दिया कि पृथकवास में रखे गये लोगों को भी आवश्यक दूरी बनाये रखने की जरूरत है। रायबरेली में पृथकवास में रखे गये लोगों की एक बार नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद दोबारा हुई जांच में वे कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं।
अवस्थी के मुताबिक योगी ने कहा कि हॉटस्पॉट घोषित किये गये इलाकों में पूरी टेस्टिंग हो और उनके बाहर भी टेस्टिंग करायी जाए। जिन क्षेत्रों में आवश्यकता हो तो उसमें पूल टेस्टिंग करायी जाए। चूंकि कानपुर में टेस्टिंग का भार ज्यादा है, इसलिये वहां विशेष व्यवस्था की जाए।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में एक करोड़ लोग आरोज्ञ सेतु ऐप डाउनलोड कर चुके हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है। ऐप में जो अलर्ट देने की व्यवस्था है, तो लगभग 200 अलर्ट भी आ चुके हैं। इसका वास्तविक उपयोग भी स्वास्थ्य विभाग और सम्बन्धित जिलाधिकारी करेंगे। साथ ही इस ऐप के उपयोगकर्ताओं के लिये भी यह उपयोगी होगा। अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना ने बताया कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रदेश के सभी एल-1, एल-2 तथा एल-3 श्रेणी के चिकित्सालयों में आॅक्सीजन उपलब्ध रहे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुलिस बल तथा डॉक्टरों सहित सभी चिकित्सा कर्मियों को प्रत्येक दशा में कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रखना आवश्यक है। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि पुलिसकर्मी तथा मेडिकल टीम सुरक्षा के सभी आवश्यक उपकरण लगाकर ड्यूटी करें तथा संक्रमण से सुरक्षा के दिशा-निदेर्शों का पूरी तरह पालन करें।
रमजान के महीने में उपलब्ध हो आवश्यक सामग्री
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी जरूरतमंदों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचेन को नियमित तौर पर सेनेटाइज किया जाए। इनमें कार्यरत लोगों का मेडिकल टेस्ट कराया जाए। रमजान के महीने में आवश्यक सामग्री की सुचारु रूप से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध किए जाएं। अन्य राज्यों से प्रदेश लौटे श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना बनाकर उसे लागू किया जाये।
उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए। दुर्भाग्यवश राज्य के बाहर किसी प्रदेशवासी की मृत्यु हो जाने परए प्रशासन पार्थिव शरीर को प्रदेश में लाने तथा मृतक के परिवार को पात्रता के आधार पर भरण-पोषण भत्ता, राशन कार्ड तथा योजना के अन्तर्गत आवास उपलब्ध कराने की व्यवस्था करे।
25.79 लाख श्रमिकों एवं निराश्रितों को मिला भुगतान
उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के कुल 25.79 लाख श्रमिकों एवं निराश्रित व्यक्तियों को भी एक-एक हजार रूपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की 39,520 औद्योगिक इकाईयों से सम्पर्क किया गया, जिनमें 38,919 इकाईयों द्वारा अपने श्रमिकों को लगभग 570.15 करोड़ रुपये के वेतन का भुगतान किया जा चुका है।
लॉक डाउन तोड़ने वाले 25,949 के विरूद्ध एफआईआर
अवस्थी ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लॉक डाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 25,949 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई। प्रदेश में अब तक 21,37,156 वाहनों की सघन चेकिंग में 28,343 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान 9,86,10,286 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं के लिए कुल 1,69,724 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 633 लोगों के खिलाफ 499 एफआईआर दर्ज करते हुए 222 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार फेक न्यूज पर कड़ाई से नजर रख रही है। फेक न्यूज के तहत अब तक 452 मामलों का संज्ञान में लेते हुए साइबर सेल को सूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि तब्लीगी जमात के 2872 लोगों को चिन्हित कर उनका टेस्ट किया गया है। सभी 325 विदेशी व्यक्तियों का चिकित्सकीय परीक्षण करके क्वारेंटाइन किया गया है। तब्लीगी जमात के 45 विदेशी सदस्यों पर एफआईआर दर्ज की गई है तथा 259 पासपोर्ट जब्त किये गये हैं।
348 हॉट स्पॉट, चिह्नित हुए 29,68,481 व्यक्ति
अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 348 हॉट स्पॉट चिन्हित करते हुए 29,68,481 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है। हॉट स्पॉट क्षेत्रों में रह रहे लोगों को 1457 डोर स्टेप डिलिवरी मिल्क बूथ एवं मैन के द्वारा दूध वितरित किया जा रहा है। फल एवं सब्जी वितरण के लिए कुल 2,470 वाहन लगाये गये हैं इन क्षेत्रों में 2565 व्यक्तियों एवं 1,948 प्रोविजनल स्टोर के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है। हॉट स्पॉट क्षेत्रों के लिए 151 सामुदायिक किचन संचालित हैं। प्रदेश में 754 सरकारी तथा 1321 स्वैच्छिक कम्यूनिटी किचन के माध्यम से 13,56,987 लोगों को फूड पैकेट्स वितरित किये गये हैं।
3,04,47,247 कार्डों पर मिला राशन
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत प्रदेश में प्रचलित कुल 3,56,45,732 राशन कार्डों के सापेक्ष 3,04,47,247 कार्डों पर 6,35,694.915 मीट्रिक टन खाद्यान्न का नि:शुल्क वितरण किया गया। डोर-स्टेप-डिलीवरी व्यवस्था के अन्तर्गत 21,905 किराना स्टोर क्रियाशील हैं, जिनके माध्यम से 50,938 डिलीवरी मैन आवश्यक सामग्री निरंतर पहुंचा रहे हैं। फल एवं सब्जी वितरण व्यवस्था के अन्तर्गत कुल 47,470 वाहनों की व्यवस्था की गयी है। इसी क्रम में कुल 55.12 लाख लीटर दूध उपार्जन के सापेक्ष 36.90 लाख लीटर दूध का वितरण 21,322 डिलीवरी वैन के माध्यम से किया गया है।