वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। ग्रामीण क्षेत्रों में बुखार का कहर जारी है। शनिवार को माल क्षेत्र में एक बुखार पीड़ित बच्ची की मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि वह कई दिनों से बुखार से ग्रसित थी। निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। वहीं राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में शनिवार को 39 नए डेंगू के मरीज मिले। शहर में डेंगू मरीजों की संख्या साढ़े डेढ़ हजार से पार हो गयी।
माल क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी राजू ने बताया कि उनकी 9 वर्षीय भतीजी मानवी को बीते एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। वह पांच दिन पहले वह बच्ची को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गये थे। वहां पर हालात में सुधार न होने पर उसे एक निजी अस्पताल लेकर गए जहां इलाज के दौरान भतीजी की मौत हो गयी। वहीं क्षेत्र में स्थिति यह है कि यहां संक्रामक रोग तेजी से फैल रहा है।
स्थानीय लोगों को का कहना है कि क्षेत्र में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं क्षेत्र में गंदगी का भी अम्बार लगा है। लोगों में स्वास्थ्य विभाग को लेकर नाराजगी है। लतीफपुर निवासी धीरेंद्र सिंह ने बताया कि गांवों में एंटी लार्वा व फॉगिंग की व्यवस्था नही की गयी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुछ विशिष्ट लोगों को ही पूरी दवा दी जाती है शेष को पेरासिटामोल व बी काम्प्लेक्स देकर मरीज को भेज दिया जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक संदीप प्रताप सिंह का कहना है कि आॅडिट के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने बताया कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में टीमों द्वारा जांच की गयी जिनमें अलीगंज, सिल्वर जुबली, टूडियागंज, इन्दिरानगर, गोसाईगंज, चिनहट, एनके रोड, आलमबाग, ऐशबाग, मलिहाबाद व रेडक्रास स्थानों पर 39 मरीज पाये गये। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों के करीब 1715 घरों व स्थानों का सर्वेक्षण किया, जिनमें 14 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाये जाने पर भू- स्वामियों को नोटिस जारी किया गया।
नगर मलेरिया इकाई व जिला मलेरिया अधिकारी की टीम द्वारा पूर्वी बिरहाना दुगावा चैकी, सचिवालय कालोनी राजाजीपुरम, मुमताज पीजी कालेज इरादतनगर डालीगंज, विजयपुर गॉव, तेजीखेडा पुल के नीचे, टीबी हास्पिटल, परेल नगर मौर्य जनता आटा चक्की के पास, हरिहरपुर क्रासिंग नीलमथा के आस-पास के क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा सोर्स रिडक्शन तथा स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की गयी।
डा. अग्रवाल ने बताया कि सभी निजी लैब को डेंगू के मामलों में रियल टाइम रिपोर्टिग के लिए सख्त निर्देश दिया गया है। यह भी कहा गया है कि पॉजिटिव मिले केस के करीब 10 फीसद नमूने क्रास जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजे जाएं। ताकि डेंगू मरीजों की वास्तविक रूपरेखा सामने आ सके। डेंगू से बचाव एवं उपचार के तहत टीमें लगातार छिड़काव एवं जन जागरूकता अभियान चला रही हैं।
बरतें यह सावधानियां-
- कहीं भी पानी जमा न होने दें। हर हफ्ते पानी की टंकी, कूलर, गमले को साफ करें और उनके अंदर का पानी बदलें।
- हर रोज रसोई और बगीचे के खरपतवार को डिस्पोज करें।
- लंबे समय तक एक स्थान पर ठोस कचरा न रहने दें।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें क्योंकि यह मच्छर के काटने से बचाव का सबसे अचूक उपाय है।
- बच्चों को शरीर को ढकने वाले कपड़े ही पहनायें।