अहमदाबाद। तेज गेंदबाज इशांत शर्मा का मानना है कि तीसरे टेस्ट में एक सत्र में ही खेल का रुख बदल सकता है क्योंकि भारत और इंग्लैंड नए स्टेडियम, नई पिच और अलग तरह की फ्लडलाइट में जब मैदान पर गुलाबी गेंद से खेलेंगे तो उन्हें नहीं पता होगा कि ये कैसे बर्ताव करेगी।
भारत और इंग्लैंड की टीम बुधवार से सरदार पटेल स्टेडियम में दिन-रात्रि टेस्ट खेलेंगे। यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है जिसमें 1,10,000 दर्शकों को बैठाने की क्षमता है। यह पूछने पर कि क्या भारतीय गेंदबाज सूर्यास्त के समय शॉर्ट गेंद की रणनीति का इस्तेमाल करेंगे, इशांत ने कहा, एक बार जब हम इस मैदान पर खेलने उतरेंगे तो हमें इस बारे में पता चलेगा क्योंकि इसका नवीनीकरण किया गया है और अभी मैं कुछ नहीं कह सकता।
उन्होंने कहा, हम कुछ नहीं कह सकते कि किस चीज से बल्लेबाज को परेशानी होगी और किससे नहीं, काफी चीजें हैं जिन्हें हमें परखना होगा, हमें नहीं पता कि हम इन चीजों से कैसे निपटेंगे, ओस भी होगी। इशांत ने कहा, यहां विकेट कैसी होगी और वे (इंग्लैंड) कैसे खेलेंगे, बेशक दूधिया रोशनी में गेंद स्विंग करेगी लेकिन आपको ओस से निपटना होगा इसलिए काफी चीजें होंगी और आप सीधे तौर पर नहीं कह सकते कि मैच में किसी पलड़ा भारी होगा, तेज गेंदबाजों का या स्पिनरों का।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि एक सत्र में खेल बदल सकता है और प्रत्येक गेंदबाज को सत्र दर सत्र जिम्मेदारी निभानी होगी, क्या पता शुरुआत से ही गेंद टर्न करने लग जाए। इस तेज गेंदबाज ने कहा, क्या पता पहले दो सत्र में ही स्पिनरों को मदद मिले लेकिन दूधिया रोशनी में जब ओस होगी तो गेंद स्विंग नहीं करेगी, यह तेजी से आएगी और बल्ले पर आसानी से आएगी।
उन्होंने कहा, तब स्पिनर मुकाबले में नहीं होंगे, तेज गेंदबाज होंगे इसलिए यह स्थिति पर निर्भर करता है और उस समय गेंद और विकेट कैसा बर्ताव करते हैं। इशांत ने अपनी टीम के बल्लेबाजों का समर्थन करते हुए कहा कि वे इस तरह के हालात से निपटने में सक्षम हैं। यह गुलाबी गेंद से भारत का तीसरा टेस्ट है। टीम ने अपने पहले दिन-रात्रि टेस्ट में कोलकाता में बांग्लादेश को हराया था लेकिन एडीलेड में आस्ट्रेलिया से हार गया था।