ऋषि का साहित्य मानवीय जीवन की गरिमा का बोध कराता है : उमानन्द शर्मा
लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत रामा डिग्री कॉलेज, बीएड-एमएड विभाग, मल्हौर रोड, चिनहट, लखनऊ, उप्र के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 434वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री श्रीमती कुसुम श्रीवास्तव (पुत्रवधू) एवं श्री नवीन चंद्र श्रीवास्तव (पुत्र) ने अपने माता स्व. श्रीमती कमला श्रीवास्तव एवं पिता स्व० डॉ० प्रभात चन्द्र श्रीवास्तव की स्मृति में भेंट किया तथा सभी छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों, विभागाध्यक्ष एवं अधिकारियों को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ऋषि का साहित्य मानवीय जीवन की गरिमा का बोध कराता है। संस्थान के चेयरमैन मनोज कुमार यादव एवं वीके श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का समापन संस्थान के प्राचार्य डॉ मयंक सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया।
इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि उमानंद शर्मा, श्रीमती कुसुम श्रीवास्तव, अधिवक्ता नवीन चंद्र श्रीवास्तव, वीके श्रीवास्तव, श्रीमती रेखा श्रीवास्तव, देवेन्द्र सिंह तथा संस्थान के चेयरमैन मनोज कुमार यादव, और प्राचार्य डॉ. मयंक सिंह सहित कॉलेज के संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।