लखनऊ। दुग्ध उत्पादन में देश में पहला स्थान रखने वाले उत्तर प्रदेश में 10 ग्रीन फील्ड नवीन डेयरी संयंत्रों की स्थापना की गई है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बजट सत्र के पहले दिन विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में कहा, दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। प्रदेश में दस ग्रीन फील्ड नवीन डेयरी संयंत्रों की स्थापना की गई है और चार डेयरी संयंत्रों का उच्चीकरण किया गया है।
उन्होंने कहा, प्रदेश में गोवंश संरक्षण के लिए सभी जिलों में दो-दो वृहद गोवंश संरक्षण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश में कुल चार हजार 921 गोआश्रय स्थलों पर 4.49 लाख निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि निराश्रित गोवंश सहभागिता के तहत अब तक 23 हजार 542 गोपालक परिवारों को 46 हजार 786 गोवंश सुपुर्द किए गए हैं। प्रदेश की 39 पंजीकृत गोशालाओं में गोवंश के भरण पोषण के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा 22.62 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 119 चीनी मिलें संचालित हैं। गत पेराई सत्र 201819 में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 27.94 लाख हेक्टेयर था और 118.22 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। पेराई सत्र 201920 में कुल गन्ना क्षेत्रफल 26.79 लाख हेक्टेयर है।
राज्यपाल ने कहा, मेरी सरकार द्वारा अब तक 86 हजार 700 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है, जिससे 46.20 लाख गन्ना किसान लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि इसमें पिछली सरकारी की बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की धनराशि 10 हजार 654 करोड़ रुपए शामिल है। यह अब तक का रिकॉर्ड भुगतान है। पेराई सत्र 201920 में कुल देय गन्ना मूल्य 14 हजार 790 करोड़ रुपए के सापेक्ष आठ हजार 454 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। पेराई सत्र 201819 के कुल देय गन्ना मूल्य का 97.46 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है।
राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश में पहली बार गन्ना किसानों के भुगतान के लिए चीनी मिलों को सरल ब्याज पर कर्ज दिए जाने की योजना बनाई गई। प्रदेश की दो बंद चीनी मिलों पिपराइच और मुंडेरवा के स्थान पर नई चीनी मिलें स्थापित की गईं। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच वर्ष में कृषि से होने वाली आय को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। इसी को ध्यान में रखकर नई खरीद नीति लागू की गई है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1735 रुपए से बढ़ाकर 1840 रुपए प्रति क्विंटल किया गया तथा रबी वर्ष 202021 के लिए भारत सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश किसानों को देय अनुदान को डीबीटी के माध्यम से भुगतान करने वाला देश का पहला राज्य बना। डीबीटी के माध्यम से 80 लाख से अधिक किसानों को 1431 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान सीधे उनके खाते में किया गया। राज्यपाल ने बताया कि किसान पाठशाला के माध्यम से 50 लाख से अधिक किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीक में प्रशिक्षित किया गया है। पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर के कृषि कुंभ का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग एक लाख किसानों ने सहभागिता की। गंगा किनारे की 1038 ग्राम पंचायतों के लिए गो आधारित प्राकृतिक खेती की 526 कार्यशालाएं आयोजित की गईं।