संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने संबंधी एक मोबाइल एप्लिकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित जांच किट शीघ्र विकसित करने से इस महामारी से निपटने में देश के प्रयासों को मजबूती मिली।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थाई प्रतिनिधि नागराज नायडू ने बृहस्पतिवार को यहां सतत विकास लक्ष्यों पर तीव्र तकनीकी परिवर्तन के प्रभाव विषय पर एक ऑनलाइन उच्च स्तरीय चर्चा में कहा, कोविड-19 महामारी के दौरान ड्रोन और ट्रेसिंग ऐप जैसी नई तकनीक पहले की तुलना में अधिक स्वीकार्य हो गई है। आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप जिक्र करते हुए उन्होंने उच्च-स्तरीय बैठक में कहा कि इस महामारी से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने संबंधी एक मोबाइल एप्लिकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित जांच किट को शीघ्र विकसित करने से इस महामारी से निपटने के लिए देश के प्रयासों को मजबूती मिली।
नायडू ने कहा, बहरहाल, हमें अभी भी साइबर सुरक्षा, डाटा गोपनीयता और गलत सूचना के प्रसार से संबंधित मुद्दों से निपटना है। आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल उन लोगों के विवरण को रखने के लिए किया जाता है जो कोरोना वायरस से संक्रमित किसी मरीज के संपर्क में आए हों। बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, चाहे टीका अनुसंधान से लेकर ऑनलाइन शिक्षण मॉडल हो, या ई-कॉमर्स और उपकरण हो, कोविड-19 महामारी से निपटने के लगभग हर पहलू में डिजिटल तकनीक केन्द्र में है।
इससे लाखों लोग घर से काम करने और अध्ययन करने में समर्थ हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कोविड-19 ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के अनियंत्रित उपयोग, मानवाधिकार हनन और साइबर अपराध तक के खतरों का नाटकीय प्रमाण भी दिया है। अमेरिका के जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर के अनुसार इस महामारी से दुनियाभर में 73,00,000 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 4,16,000 से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी हैं।
अमेरिका सबसे प्रभावित देशों में से एक है जहां 20 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 1,11,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 2,97,535 पहुंच चुकी है जबकि इससे 8,498 लोगों की मौत हो चुकी है।