तीन पुस्तकों का लोकार्पण प्रेस क्लब में हुआ
लखनऊ। आईपी फाउंडेशन और विद्योतमा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में डा.स्मिता मिश्रा की तीन पुस्तकों एहसास, ट्रामा बॉन्डिंग और फिर मिलूंगी का लोकार्पण प्रेस क्लब में हुआ। प्रो.आदर्श मिश्रा शुक्ला कैप्टन सरोज सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग की प्रो.शशि मिश्रा, लोकगायिका इन्द्रा श्रीवास्तव, डा.रश्मि शील, डा.करुणा पाण्डे, विनीता मिश्रा, लखनऊ वीमेन्स एसोसिएशन की अध्यक्ष प्रतिमा बाजपेई, जयंती शुक्ला, आस्था अस्पताल संस्थापक डा.अभिषेक का सम्मान हुआ। अलका प्रमोद के मंच संचालन में वाणी वंदना सुप्रसिद्ध लोक गायिका आशा श्रीवास्तव ने की। अतिथियों का स्वागत करते हुए निवेदिता श्री ने डा.स्मिता मिश्रा के जीवन के अनछुए पहलुओं से भी परिचित कराया। कार्यक्रम अध्यक्ष पूर्व डीजीपी महेश चन्द्र द्विवेदी एवं मुख्य अतिथि प्रोफेसर शोभा बाजपेयी की उपस्थित में डा.रश्मि शील ने कृति एहसास की 56 कविताओं के विषयों को दर्शकों से परिचित कराया। डा.करुणा पाण्डे ने ट्रामा बॉन्डिंग की समीक्षा करते हुए कहा कि सम्बन्ध अशोक की लाट के समान सामने से भले ही अलग दिशा में दिखे, परन्तु पीछे से सब आपस में एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। तीसरी कृति काव्य संग्रह फिर मिलूंगी की कविताओं को पढते विनीता मिश्रा ने कहे की डा स्मिता मिश्रा ने मानवीय संबंधों को सरल काव्यात्मक भाषा में उतारा है। वरिष्ठ साहित्यकार वीपी शुक्ल ने कहा कि हर कविता जीवन के सत्य से परिचित कराती है। मुख्य अतिथि प्रो.शोभा बाजपेयी ने डा.स्मिता मिश्रा के काव्य संग्रह और उपन्यास के बारे में कहा कि संयुक्त परिवार, महिला, मां, बेटी, भाई जैसे सभी संबंधों को एक साथ लेकर जो लेखन किया है, वह सरल भाषा में सभी को आसानी से समझ आने वाला है। अध्यक्षीय वक्तव्य में पूर्व डीजीपी महेशचन्द्र द्विवेदी ने लेखिका को बधाई देते हुए कहा कि भावनात्मक विचार और अन्याय सहते संबंधों को एक सूत्र में बांधते हुए बहुत सुंदर लेखन किया है। आईपी फाउंडेशन की अध्यक्ष डा.उषा दीक्षित ने सभी को धन्यवाद करते हुए कहा कि तीनों कृतियों का लेखन और फिर उसका लोकार्पण एक सामाजिक कार्य है। इनमें उनके अनुभवों का सार है। एक ऐसी महिला के अनुभव जो विभिन्न सामाजिक कार्यो में संलग्न हैं और देश विदेश में भ्रमण कर हैं, सभी के लिये प्रेरक हो सकते हैं।