भाषा के नाम पर लक्ष्मण रेखा पार न करें : टंडन

लखनऊ। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने विधान सभाओं और लोकसभा में इस्तेमाल की जा रही भाषा पर अफसोस जताते हुए कहा कि किसी को लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए।

कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन इंडिया रीजन के सम्मलेन को विशिष्ट अथिति के तौर पर सम्बोधित करते हुए टंडन ने गुरुवार को कहा कि यहां विधानसभा सदन में जिस तरह के शब्द बोले जा रहे हैं वो संसदीय भाषा या ग्लोसरी नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी कहना हो वो मयार्दा में रह कर कहना चाहिए।

टंडन ने कहा कि जो भाषा है बोलने की और जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है उससे लगता है कि परंपरा टूट रही है। कहा कि जो नेता सदन हैं उनकी जिम्मेदारी है कि वह पूरे सदन को साथ लेकर चलें। यही लोकतंत्र की बुनियाद है। लेकिन इसके साथ बड़ी जिम्मेदारी है बिगड़ती हुई भाषा को सुधारने की। सदस्य धीरज से काम लें। उन्होंने कहा कि इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि यह नया भारत है, जो नई दिशा की तरफ जा रहा है। इसको रोकने की कोशिश न करें।

टंडन ने कहा कि आलोचना होनी चाहिए, लेकिन गाली नहीं। इसको देख कर देश दुखी होता है। ऐसी भाषा का इस्तेमाल तो सड़क पर चलने वाला व्यक्ति भी नहीं करता। विचारों में मतभेद भले ही हों, लेकिन आचरण सही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अधिकार है अपनी बातें कहने का और जो आसान पर बैठे हैं अध्यक्ष, उनका काम है सदन को चलाने का।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा की परम्पराएं बहुत समृद्ध रही हैं। उन्होंने कहा,’ इस सदन की परंपरा बहुत पुरानी है और यहां उच्च कोटि के बहसें हुईं। ऐसे-ऐसे चुने हुए प्रतिनधि थे और उनको सुनने के लिए हम भी आते थे। उस समय जितने भी लोग थे उन्होंने लोकतान्त्रिक परम्पराओं का पालन किया और उसके उदहारण आज भी दिए जाते हैं।

टंडन ने कहा कि ऐसा नहीं है की दुसरे प्रदेशों में ऐसा नहीं हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश का जो रुतबा है वह हमेशा शीर्ष पर रहा है। इस प्रदेश ने कई प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दिए। खुशी है कि आप उन परम्पराओं को लागू कर रहे हैं। यह मेरा भी सौभाग्य है कि हमको यहां के दोनों सदनों के किसी न किसी आसन पर बैठने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि जनादेश का सम्मान होना चाहिए। यह विधानसभा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी है वह सदन को ऐसे चलाएं कि एक उदहारण बन जाये।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरे देश में उत्तर प्रदेश विकास की दौड़ में आगे है। यहां के सदन की परम्पराएं भी उचाई पर पहुंच रही हैं। कहा कि वह देश में कही भी रहे उनका प्रदेश से लगाव बना रहता है, क्योंकि यूपी उनकी कर्मभूमि रही है।

RELATED ARTICLES

प्रदूषण का मिटा दाग, स्वच्छ हवा में दिल्ली, मुंबई, जयपुर और पटना से आगे कानपुर की छलांग

Swachh Vayu Sarvekshan 2025 : कानपुर का प्रदर्शन सबसे सबसे शानदार। कानपुर को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में मिला पांचवां स्थान |दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों को कानपुर...

काठमांडू पहुंचकर लखनऊ डाइवर्ट हुआ विमान, एक के बाद एक चार विमानों की Luckow में कराई गई लैंडिंग

लखनऊ। नेपाल में इंटरनेट मीडिया पर रोक लगाने के आदेश के बाद वहां जारी हिंसा का असर विमान सेवाओं पर भी पड़ा। काठमांडू हवाई...

अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, हेड कांस्टेबल के नाबालिग बेटे समेत तीन गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर । मुजफ्फरनगर जिले के शाहपुर इलाके में पुलिस ने अवैध हथियार की आपूर्ति करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक...