बाढ़ में फंसे लोगों को बांटी राहत सामग्री

बहराइच। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ राहतकी कमान खुद संभाल ली है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित गांवों और वहां फंसे लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के साथ-साथ उनके बचाव -इंतजामों को देखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को स्वयं निकल पड़े। उन्होंने बहराइच के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर वहां की स्थितियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने वहां फंसे लोगों को राहत और भोजन सामग्री भी वितरित की। राहत कार्य में जुटे अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत और बचाव कार्य की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ में फंसे मानव जीवन के साथ पशुओं को बचाने के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़े जाने के निर्देश भी दिये।

आज से शुरू उनका यह दौरा अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलीकाप्टर 2. 28 बजे राजीचौराहा स्थित हेलीपैड स्थल पर पहुंचा। भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री की आगवानी की। यहां से वे स्टाफ कार से मंच स्थल पर पहुंचे। यहां पर मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को पचदेवरी के 250 बाढ़ पीड़ितों को राशन किट का वितरण किया। तिकुरी के कटान पीड़ित रामनरेश, तेजराम, सुरेश, अनीता, संवारा, महेश कुमार को 95 हजार का अहेतुक सहायता राशि का डेमो चेक सौंपा। मुख्यमंत्री आवास कर लाभार्थी पचदेवरी निवासी विनीत व चक्कर को आवास की चाभी सौंपी।

 

साढ़े चार वर्ष के भाजपा के कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का महसी के बाढ़ व कटान पीड़ितों से मिलने व उनकी सुधि लेने का यह दूसरा मौका रहा है। इससे पहले वे वर्ष 2017 में एरिया में आए थी। यहां पर मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में बाढ़ व कटान पीड़ितों को राशन, सहायता राशि का चेक व देकर लोगों की मदद की थी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री बहराइच, गोंडा और बलरामपुर में हैं। दौरे के बाद बलरामपुर (देवीपाटन) में रात्रि विश्राम करेंगे। शनिवार को वह सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर और गोरखपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे।

गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के मठ में रात्रि विश्राम के बाद रविवार को वह वाराणसी व आसपास के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। शुक्रवार के दौरे के दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन दौरा करने के साथ इससे प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उनसे उनकी छोटी-छोटी जरूरतों, राहत सामग्री और नावों की उपलब्धता के बारे में पूछा। उन्होंने भरोसा दिया कि हर परिस्थिति में सरकार उनके साथ खड़ी है। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्य में सरकार की मंशा के अनुसार कोई कमीं नहीं रहनी चाहिए। यहां तक कि पशुओं के चारे की क्या व्यवस्था है, इस बारे में भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़, बाढ़ के दौरान और बाढ़ के बाद मनुष्य और पशु कुछ जलजनित और अन्य रोगों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। इन रोगों के रोकथाम के लिए प्रशासन स्वास्थ्य विभाग की ओर से व्यापक जागरूकता अभियान चलाए। प्रभावित इलाकों में चिकित्सकों की टीम लगातार कैम्प करे। इस दौरान सांप और कुत्ता काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। लिहाजा प्रभावित इलाकों के हर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एन्टी स्नेक वेनम और रेबीज के इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्तिच कराएं। पशुपालकों को पशुहानि न हो, इसके लिए बाढ़ उतरने के साथ ही खुरपका, मुंहपका और गलघोटू जैसी बीमारियों के रोकथाम के लिए अभियान चलाकर टीके लगाए जाएं।

 

सीएम योगी ने बहराइच जिले का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद अधिकारियों से कहा कि वह ये सुनिश्चित करें कि जो फसल की हानि हुई है। धान, गन्ने की खड़ी फसल के साथ सब्जियों की भी नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में हानि हुई है। उसका आकलन करें और तत्काल व्यापक सर्वे कर राहत सामग्री के साथ-साथ सहायता राशि के भी वितरण की कार्रवाई समय पर करें। प्रदेश सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में मानव जीवन के साथ पशुओं की जान बचाने के संकल्प को दोहराते हुए 1001 मेडिकल टीमें गठित कर दी हैं। 1131 बाढ़ शरणालय बनाए हैं। जबकि 1321 बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं। बचाव कार्य में लगीं 5811 नाव और 353 मोटर बोट भी लगाई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की मदद से 36786 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। बाढ़ शरणालयों में बाढ़ प्रभावित इलाकों से आए लोगों के रहने, खाने-पीने की उचित व्यवस्था की गई है।

 

अब हर जिले में तैनात होंगे नोडल अफसर

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निदेर्शों के क्रम में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को हर जिले का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। यह अधिकारी आवंटित जिले में चार दिन भ्रमण करके शासन की प्राथमिकताओं एवं विकास कार्यों का प्रभावी अनुश्रवण एवं स्थलीय निरीक्षण करेंगे। साथ ही, जनसमस्याओं का प्रभावी निराकरण भी सुनिश्चित करायेंगे। सभी नोडल अधिकारी आवंटित जिले में शुक्रवार की शाम तक पहुंचकर जिले में चार दिन तक समीक्षा एवं स्थलीय निरीक्षण करने के बाद 7 सितम्बर को मुख्यालय प्रस्थान करेंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव आरके तिवारी द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। इसके तहत नोडल अधिकारी डेंगू, मलेरिया आदि संचारी रोगों के नियंत्रण के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निदेर्शों के क्रम में की जा रही कार्यवाही के संबंध में समीक्षा एवं निरीक्षण करेंगे। नोडल अधिकारी बाढ़ व अतिवृष्टि के मद्देनजर बचाव व राहत कार्यों की भी समीक्षा करेंगे।

 

 

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