22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : पांचवां दिन
विमोचन और चचार्ओं के बीच प्रो.उषा सिन्हा व नूतन वशिष्ठ सम्मानित
लखनऊ। ‘मानने और जानने में काफी अन्तर है। मानने में कोई श्रम नहीं करना पड़ता, इसलिए लोग आसानी से उसकी ओर मुड़ जाते हैं। यह मानना ही समय पाकर रूढ़ हो जाता है और मान्यता में बदल जाता है। जानना किंचित् श्रम-साध्य है।’ ऐसी समझ देने वाली ‘धर्म का विज्ञान और विज्ञान का धर्म’ जैसी किताबें बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग पर चल रहे 22वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में दलित और बौद्ध साहित्य के स्टालों पर खूब हैं। हर किताब पर कम से कम 10 प्रतिशत छूट देने के संग ही मुफ्त प्रवेश देने वाले मेले का आज पांचवां दिन भी पुस्तक प्रेमियों और साहित्यिक आयोजनों से रौनक भरा रहा। मेले में सम्यक प्रकाशन के स्टाल पर आदिवासी पत्र पत्रिकाएं, मैं बौद्ध नगरी मथुरा हूं, दलित दमन उत्पीड़न कब तक, बोधगया ऐतिहासिक फैसला जैसी नयी किताबों के साथ बौद्ध साहित्य में बौद्ध जीवन आचार विचार, भगवान बुद्ध की अंतिम यात्रा और अम्बेडकर साहित्य में घर घर अम्बेडकर सरीखी बहुत सारी पुस्तकें हैं। संविधान प्रचार समिति वाले भारतरत्न जननायक कपूर्री ठाकुर, महाबोधि महाविहार मुक्त आंदोलन, धर्म का विज्ञान और विज्ञान का धर्म व बुद्ध की वाणी पाल कैरस की जुबानी जैसी चर्चित नयी किताबें लेकर आये हैं। अनिल बहुजन के स्टाल पर इसी वर्ष छपी सामाजिक न्याय की जमीनी दास्तान पसंद की जा रही है। गौतम बुक के स्टाल पर नयी और सर्वाधिक बिकने वाली किताबों में एस एस गौतम की ज्वलंत विषय पर भारतीय जातियों का इतिहास और बहुजन ज्ञान कोश के संग कबीर की सौ कविताएं खास हैं। बौद्ध और दलित साहित्य अन्य स्टालों पर भी प्रचुर है।
आज के कार्यक्रम सुबह सुबह प्रगतिशील मानव कल्याण शिक्षण संस्थान के समारोह के बाद निरूपमा मेहरोत्रा के उपन्यास प्रतीक्षा का विमोचन महेशचंद्र द्विवेदी, हेमलता शर्मा, डा.अपूर्वा अवस्थी, शारदा लाल व अलका प्रमोद की उपस्थिति में किया गया। इसी क्रम में मंजूषा परिषद के सम्मान समारोह में संजय जायसवाल संजय ने डा.मंजू शुक्ला के बाद उपन्यास सुबह का सपना की समीक्षा रखी। यहां शिक्षाविद् प्रो.उषा सिन्हा और रेडियो प्रसारक नूतन वशिष्ठ को सम्मानित किया गया। लेखक विश्व भूषण की पुस्तक सनातन संवाद कथाएं एवं सनातन कुम्भ का विमोचन पूर्व डीजीपी महेशचन्द्र द्विवेदी व काशी विश्वनाथ मंदिर के ब्रजभूषण ने व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय गुप्ता, चन्द्रशेखर पाण्डे व अरुण कुमार पाण्डे की मौजूदगी में किया। स्थानीय जिला आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से गुरुकुल परम्परा की पुनर्स्थापना एवं ज्ञान और प्रेरणा की स्रोत पुस्तकें विषयक गोष्ठी में डा.निष्ठा विद्यालंकार, सुमन पाण्डेय आदि वक्ताओं ने विचार रखे। गुरुकुल विद्यार्थियों के समूह ने योग प्रदर्शन कर संयोजन प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। शाम को कविता लोक सृजन का काव्य समारोह आयोजित हुआ।
13 को फिर लगेगा स्वास्थ्य शिविर
आज ही मेले में एमिटी विश्वविद्यालय के क्लिनिकल साइकोलॉजी विभाग ने मुफ़्त मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर लगाया। सहायक प्रोफेसर अंशुमा दुबे के मार्गदर्शन में एम.फिल क्लिनिकल साइकोलॉजी के विद्यार्थियों ने शिविर में आने वाले आम लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, मानसिक समस्याओं की शुरूआती पहचान और समय पर परामर्श की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया। साथ ही तनाव, चिंता, अवसाद से निपटने के उपाय, सकारात्मक सोच के विकास तथा बच्चों और किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य जरूरतों पर विशेष जानकारी दी। शिविर शनिवार 13 सितंबर को पुस्तक मेले में फिर लगेगा।