पेशावर। अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधियों ने सरकार से हिंदू विवाह और तलाक के नियमों का मसौदा जल्द तैयार करने की मांग की है। पाकिस्तान की केंद्रीय सरकार ने मार्च 2017 में हिंदू विवाह विधेयक तैयार किया था। साथ ही खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और बलूचिस्तान की सरकारों को अतिरिक्त प्रविधानों के लिए मसौदा तैयार कर भेजने के लिए कहा था। इससे अल्पसंख्यकों की क्षेत्रीय मान्यताओं के मुताबिक केंद्रीय विधेयक में प्रविधान किए जा सकें, लेकिन खैबर पख्तूनख्वा की सरकार ने चार साल में प्रांत में रहने वाले हिंदू मान्यताओं के मुताबिक मसौदा तैयार कर केंद्रीय सरकार के पास नहीं भेजा। इससे हिंदू विवाह विधेयक लटका हुआ है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बोले…ब्लैक फंगस से अब तक पूरे देश में 3,129 लोगों की मौत
कोई कानूनी प्रविधान न होने की वजह से पाकिस्तान में हिंदुओं की विवाहित और अविवाहित लड़कियों के पास कोई अधिकार नहीं हैं। वे शादी के नियमों से वंचित हैं और अगर उन्हें तलाक चाहिए तो उसके लिए भी कोई नियम नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में हिंदुओं की 38 लाख की आबादी है, जो वहां की कुल आबादी की दो प्रतिशत है।
अब टी-20 विश्व कप 2021 का आयोजन भारत में नहीं होगा
अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पैरोकारी करने वाले प्रतिनिधिमंडल ने खैबर पख्तूनख्वा के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री फजल शकूर खान से मिलकर अपेक्षित मसौदा तैयार कर केंद्र सरकार को भेजने का अनुरोध किया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रांतीय सरकार के सिफारिश भेजने से पाकिस्तान में हिंदू विवाह एवं संबंध विच्छेद अधिनियम 2017 का प्रस्ताव संसद में जल्द पारित होने में मदद मिलेगी।