लखनऊ। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने गुरुवार को बताया कि टीकाकरण का काम चरणबद्ध तरीके से किया जाना प्रस्तावित हैं। केंद्र सरकार से कोविड के पहले चरण के टीकाकरण से संबंधित दिशा-निर्देश मिल गये हैं। टीकाकरण का शुभारंभ 16 जनवरी को किया जायेगा।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 16 तारीख से कोविड वैक्सीनेशन के पहले चरण के संबंध में कोविड वैक्सीन टीकाकरण की तैयारी स्टेट स्टेयरिंग कमेटी फाॅर इम्यूनाजेशन की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में समीक्षा के दौरान उन्होंने पूरे प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बारे में की जा रही तैयारियोें की जानकारी लेकर ज़रूरी निर्देश दिये।
तिवारी ने कहा कि शुभारंभ के दिन 317 सत्र उत्तर प्रदेश में संचालित किये जायेंगे, जिसमें से जिला महिला अस्पताल वाराणसी और एमएलबी मेडिकल काॅलेज, झांसी में टु-वे वेबकास्टिंग की जायेगी और अन्य 315 सत्र केवल व्यू ओनली मोड पर रहेंगे। उन्होंने निर्देश दिये कि टीकाकरण शुभारम्भ के दिन प्रदेश के सभी कोविड अस्पतालों के चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर करा दिया जाये।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बैठक में बताया कि पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स का कोविड टीकाकरण किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें प्रदेश के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्वास्थ्य इकाईयों में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हैं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग से संबंधित अन्य विभागों के कर्मियों जैसे आशा, आंगनबाड़ी, सुपरवाइजर को भी शामिल किया जाना है। दूसरे चरण में अन्य विभागों के फ्रन्टलाइन वर्कर्स का कोविड टीकाकरण किया जाना प्रस्तावित है।
इसमें मुख्य रूप से राज्य एवं केंद्रीय पुलिस विभाग, सशस्त्र बल, होमगार्ड, जेल कर्मचारी, आपदा प्रबन्धन एवं नगरपालिकाओं के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का कोविड टीकाकरण किया जाना प्रस्तावित है। तीसरे चरण में 50 साल से ज़्यादा उम्र के सभी लोगों और 50 साल से कम लेकिन डायबिटीज, सांस रोग, कैंसर, उच्च रक्त चाप जैसे रोगों से ग्रसित व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाना प्रस्तावित है।
प्रसाद ने बताया कि टीकाकरण अभियान के पहले चरण के लिए प्रदेश में लगभग 1,500 स्थान वैक्सिनेशन के लिए चिन्हित किये जाने हैं। पहले चरण की गतिविधियां मुख्य रूप से सरकारी चिकित्सालयों में किया जाना है, जिसमें मुख्य रूप से स्वास्थ्य केंद्र, ब्लाॅक स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला चिकित्सालय, जिला संयुक्त चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, नगरीय स्वास्थ्य केंद्र, रेलवे अस्पताल, सीजीएचएस अस्पतालों, सरकारी एवं प्राइवेट मेडिकल काॅलेज को चयनित किया जाना है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि बड़े शहरों में ज़रूरत के हिसाब से प्राइवेट अस्पतालों, जहां 100 से ज़्यादा हेल्थ केयर वर्कर्स हैं, उनमें भी टीकाकरण सत्र किये जा सकते हैं। हर टीकाकरण स्थल पर लाभार्थियों की संख्या एवं स्थान की उपलब्धता के अनुसार एक से तीन सत्र आयोजित किये जायें। बड़े चिकित्सालयों में स्थान उपलब्ध होने पर तीन से ज़्यादा सत्र आयोजित किये जा सकते हैं। हर सत्र के लिए तीन कमरों की ज़रूरत होगी, जिन्हे प्रतीक्षालय, टीकाकरण कक्ष एवं निगरानी कक्ष के तौर पर इस्तेमाल किया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि हर सत्र में दो सुरक्षाकर्मी पुलिस या होमगार्ड, एक जांचकर्ता, एक वैक्सीनेटर, एक मोबिलाइजर सहित कुल पांच कर्मियों की नियुक्ति की जाये एवं पहले और दूसरे चरण में एक अतिरिक्त वैक्सीनेटर की भी नियुक्ति की जाये। उन्होंने बताया कि हर टीकाकरण सत्र पर प्रतिदिन लगभग 100 लाभार्थियों का टीकाकरण किया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि टीकाकरण के लिए 75 जिलों में 4,639 चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा चुका है। आपरेशनल गाइडलाइन के अनुसार ब्लाक लेवल पर 25,555 एएनएम और 1,50,748 आशा, एडब्ल्यूडब्ल्यू को फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में ट्रेनिंग दी जा चुकी है।