फीस माफी, शिक्षकों को आर्थिक राहत की मांग पर कांग्रेस ने किया धरना प्रदर्शन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने पिछले चार महीनों से कोरोना संक्रमण के चलते रोजगार में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के कारण लाखों मध्यम आय वर्ग के परिवारों को हो रही मुश्किलों को लेकर योगी सरकार से तत्काल राहत देने की मांग जोरदार ढंग से उठाते हुए शुक्रवार को प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।

प्रदेशव्यापी आंदोलन में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पूर्व विधायक श्यामकिशोर शुक्ल, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षश्री वेद प्रकाश त्रिपाठी, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान सहित सैंकड़ों कांग्रेसजनों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन पर राज्यपाल को को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा गया।

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने एक बयान में कहा कि वैश्विक महामारी के चलते लाखों मध्यम आयवर्ग के परिवारों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसके चलते वो लगातार मुश्किलों का सामना कर रहे है। ऐसे हालात में योगी सरकार को इन परिवारों के लिए तत्काल फौरी आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।

उन्होंने मांग कि कि प्रदेश के सभी बोर्ड के विद्यार्थियों की चार महीनों की फीस पूरी तौर पर माफ की जाये। साथ ही साथ सभी प्राइवेट स्कूलों के शैक्षणिक स्टाफ सहित अन्य कर्मचारियों को कम से कम 8 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाये।

उन्होंने आगे कहा कि योगी सरकार यह सुनिश्चित कराये कि विद्यालयों की पाठ्य पुस्तकों में कोई रद्दोबदल न हो और न ही बच्चों की ड्रेस बार बार बदली जाये।

प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश के सभी अधिवक्ताओं के लिए भी आर्थिक पैकेज की मांग की है। उन्होंने कहा कि सभी न्यायालयों में काम बंद होने की वजह से अधिवक्ता बंधुओं की आमदनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे में योगी सरकार को समस्त अधिवक्ता बंधुओ के लिए 10 हजार रुपये प्रतिमाह सहयोग राशि मानदेय के रूप में प्रदान करने की व्यवस्था करें।

लल्लू ने कहा कि मध्यम वर्ग के वह परिवार जिन्हें न तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है न ही सरकार की अन्य पेंशन आदि योजनाओं का लाभ मिला है और उनकी वार्षिक आमदनी दो लाख रूपये से कम है ऐसे लोग जिन्होने मकान, वाहन या अन्य बुनियादी जरूरतों के लिए लोन ले रखा है उनकी चार महीने की इएमआई या मनरेगा मजदूरों के मानदेय के बराबर 20 हजार रूपये तक की रकम माफ करके उनको इस महामारी में आयी बेकारी से सरकार राहत करवाये।

प्रदेश के सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया और जिलाधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को सम्बोधित सौंपा गया।

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