प्रथम स्थान पर गौरांगी बहादुर सिन्हा
लखनऊ। भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा शतरंज प्रतियोगिता का भव्य आयोजन विश्वविद्यालय के सुजान सभागार में आज विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षार्थियों एवं कर्मचारियों के मध्य एक दिवसीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। यह प्रतियोगिता विश्वविद्यालय के वार्षिक खेल कैलेंडर के अंतर्गत निर्धारित तिथि पर आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता के संयोजक डॉ. मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रतियोगिता का शुभारंभ प्रात: 11 बजे किया गया तथा इसे दो मुख्य आयु वर्गों में विभाजित किया गया था जूनियर वर्ग (10 से 17 वर्ष), सीनियर वर्ग (18 से 40 वर्ष) प्रतियोगिता के परिणाम में जूनियर वर्ग (10 से 17 वर्ष) में प्रथम स्थान पर गौरांगी बहादुर सिन्हा, द्वितीय स्थान पर प्रियम्वदा बहादुर सिन्हा एवं तृतीय स्थान पर आयुष श्रीवास्तव रहे जबकि, सीनियर वर्ग(18 से 40 वर्ष) में प्रथम स्थान पर आयुष सिंह, द्वितीय स्थान पर वेद प्रकाश एवं तृतीय स्थान पर डॉली तिवारी ने बाजी मारी। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से जुड़े शिक्षार्थियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने अत्यधिक मनोयोग, रणनीति और एकाग्रता का परिचय देते हुए प्रतिस्पर्धा को रोचक व उच्चस्तरीय बना दिया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कई प्रतिभागियों ने बताया कि यह आयोजन उनके लिए एक नया और प्रेरणादायक अनुभव था। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता न केवल मनोरंजन का साधन थी, बल्कि इससे उन्हें मानसिक दृष्टिकोण से भी लाभ मिला। शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने भी इसे एक सकारात्मक पहल बताया, जिससे कार्यस्थल पर सामूहिकता की भावना को बल मिलता है।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने विजेताओं को बधाई दी एवं कहा कि, खेलकूद न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ बनाते हैं। शतरंज जैसी बौद्धिक प्रतियोगिता प्रतिभागियों में चिंतन, एकाग्रता तथा निर्णय-निर्माण की क्षमता को विकसित करती है। उन्होंने बताया प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में ऐसे आयोजन नियमित रूप से संपन्न कर विद्यार्थियों के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जाना हमारा उद्देश्य है। कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा ऐसे आयोजनों का उद्देश्य शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों को एक सकारात्मक, स्वस्थ एवं रचनात्मक वातावरण प्रदान करना है, जिससे उनका मानसिक विकास एवं स्वस्थ वातावरण विकसित हो सके। विश्वविद्यालय में संगीत शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद को भी समान महत्व दिया जाता है। इस प्रकार के आयोजन मानसिक स्वास्थ्य, एकाग्रता और सामाजिक सहयोग की भावना को मजबूत करने का कार्य करते हैं।