लखनऊ। हर तरफ बिखरे हुए रंगों के साथ अलग-अलग परिधानों में छलकता हुआ देश का युवा जोश। कुछ ऐसा ही दृश्य रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में देखने को मिला जहां 23वे राष्ट्रिय युवा उत्सव का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने किया।
बात सिर्फ अपने-अपने प्रदेशों की कला, शिल्प और व्यंजनों के बढ़ चढ़ कर प्रदर्शित करने तक ही नहीं सिमित है, असल कवायद और लालसा है इस दुसरे की संस्कृति, भाषा और रीति रिवाज जानने की। यही लालसा देश के अलग-अलग सूबे से 7000 से ज्यादा नौजवानो को इस महोत्सव में शामिल होने के लिए खींच लायी है।
ओडिशा से आये अपने नाम की तरह मुस्कुराते हुए 18 वर्षीय साई मंडल कहते हैं कि वैसे तो स्कूल और कॉलेज में कई फंक्शन्स के हिस्सा लिया है, लेकिन यह पहला मौका है जब दुसरे प्रदेशों से आये युवाओं से मिलने का मौका मिल रहा है। ‘उत्तर प्रदेश के और यहां के लोगों के बारे में बहुत सुना है, लेकिन यह पहली बार है जब इसी सूबे के युवाओं से मिलने का, उनसे बात करने का और उनके साथ सहभागिता करने का मौका मिल रहा है। हमने जब से सुना है तब यहां आने के लिए उत्साहित थे और तैयारी कर रहे थे।’
वैसे उद्घाटन के समय सांस्कृतिक परेड, जिसमे अलग-अलग राज्यों से आये प्रतिभागियों के हिस्सा लिया, कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा। उत्सव के उद्घाटन के बाद सुप्रसिद्ध लोकगायिका मालनी अवस्थी द्वारा गायन तथा उत्तर प्रदेश की संस्कृति तथा नृत्यों पर आधारित प्रस्तुति की गई। ओडिशा से आये केदारनाथ होता और सोमया रंजन पुजारी ने बातचीत में कहा, यूं तो हम लखनऊ पहली बार आए हैं लेकिन यहां के लोगों से बात करके हमें बहुत अच्छा लगा। उत्तर प्रदेश के बारे में पहले भी सुना है। इस महोत्सव से हमें एक प्लेटफार्म मिला जिसके जरिए यहां के लोगों को जानने का मौका मिला। इस महोत्सव में भाग लेने के लिए काफी उत्साहित थे और तैयारी कर रहे थे।
महाराष्ट्र के कोहलापुर से आए तानाजी पी जादव कहते है, ‘हम लखनऊ पहली बार आए हैं, यहां के लोगों से बातचीत करके हमे अच्छा लगा और तो और व्यापार में हमें अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है।’ युवा उत्सव में विवेकानंद पंडाल के मुख्य मंच पर हर दिन प्रतिष्ठित कलाकारों की विशेष प्रस्तुति देखने को मिलेगी।