बच्चों को खूब भा रही है दस्तावेज प्रदर्शनी

हर समाचार पत्र एक खामोश कहानी कहती नजर आ रही है
लखनऊ। पिछले दिनों प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित कोकोरो आर्ट गैलरी में शीर्षक दस्तावेज दुर्लभ और ऐतिहासिक समाचार पत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें 100 वर्षों से ज्यादा समय तक के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं के समाचार में प्रकाशित पत्रों को प्रदर्शित किया गया है। टोटल 56 समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को डिस्प्ले किया गया है। यह संग्रह लखनऊ के प्रशासनिक अधिकारी सुबूर उस्मानी के हैं। उन्होंने अनेक देश विदेशों में घटी ऐतिहासिक घटनाओं से भरे संपूर्ण समाचार पत्रों पत्रिकाओं का संग्रह कर रखा है। जिसमें से कुछ चुनिंदा समाचार पत्रों को यहां प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शनी की क्यूरेटर वंदना सहगल हैं।
प्रदर्शनी के कोर्डिनेटर भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि इस प्रदर्शनी को देखने के लिए लगातार लोगों की भीड़ लगी हुई है। इसी दौरान सोमवार को लखनऊ के प्रतिष्ठित सिटी मांटेसरी स्कूल के कई ब्रांचों से लगभग 400 बच्चों और अध्यापकों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। अवलोकन के साथ साथ उन बच्चों ने इतिहास के उन ऐतिहासिक घटनाओं को बकायदे नोट भी किया। एक एक समाचार पत्रों को बड़ी बारीकी से देखते पढ़ते हुए बहुत रोमांचित हुए। खास तौर पर टाइटैनिक जहाज के डूबने, थॉमस एडिशन, हिरोशिमा पर हमला, भारत की आजादी समेत माइकल जैक्शन के भारत यात्रा के दौरान तकिए पर लिखे संदेश, गांधी जी, जवाहर लाल नेहरू,लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के निधन की खबरों को विस्तार से समाचार पत्रों में पढ़ा। बच्चों ने कहा कि हमें इस तरह के इतिहास से जुड़े प्रदर्शनियों में जाना अच्छा लगता है क्योंकि ये अतीत की बहुमूल्य झलक प्रदान करती हैं। ऐसी ऐतिहासिक प्रदर्शनियाँ हमारे लिए टाइम मशीन जैसी हैं। हर समाचार पत्र एक खामोश कहानी कहती नजर आ रही है, हर तस्वीर समय के एक पल को रोक देती है।
इस प्रदर्शनी को देखने के इस अनुभव ने मुझे पुरानी तस्वीरों और चीजों से रूबरू कराया। यह हमें कई नई बातें सिखाती है। कुछ बच्चों ने कहा कि इतिहास के कुछ फ़्लैशबैक, अतीत की यादें, जिन पर मैं मनन करना पसंद करता हूँ। अध्यापकों ने कहा कि प्रदर्शनी दिलचस्प लगी, छात्रों के लिए अतीत को ताजा करने वाली रचनात्मक प्रस्तुति। वे अपनी कक्षा में पढ़े गए पाठ्यक्रम के लेखों को एक पल के लिए अपने जुनून से जोड़ पाए। यह एक यादगार और ज्ञानवर्धक अनुभव है। यह प्रदर्शनी न केवल शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक है, बल्कि इसने सांस्कृतिक विरासत के प्रति जिज्ञासा और गहरी रुचि को भी बढ़ावा दिया। मुझे इतिहास की यह प्रदर्शनी बहुत पसंद आई क्योंकि इसमें मानव इतिहास को खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया था। यह एक बहुत ही रोचक कार्यक्रम है जहाँ बहुत कुछ सीखने को मिलता है और यादें संजोई जाती हैं। सुबूर उस्मानी ने ये दस्तावेज संरक्षित किए हैं उन्हें इसके लिए धन्यवाद देते हैं।
ज्ञातव्य हो कि यह प्रदर्शनी द लॉस्ट लाइब्रेरी की तरफ से लगाई गई है जो 12 अगस्त 2025 तक प्रात: 11 बजे से शाम 8 बजे तक अवलोकनार्थ लगी रहेगी। नगर के सभी लोगों से अपील है कि इस प्रकार की ऐतिहासिक घटनाओं से भरपूर और पहली बार ऐसी प्रदर्शनी का अवलोकन अवश्य करें और बच्चों को भी अवश्य दिखाएं।

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