नई दिल्ली। कोविड-19 और पर्यावरण के खतरे जैसी सबसे गंभीर वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षा और उद्योग क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की सहायता के लिए ब्रिटिश सरकार ने भारत में 30 लाख पाउंड का नवोन्मेष चुनौती कोष शुरू किया है।
ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि यह पहल ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी साझेदारी के तहत दोनों देशों के श्रेष्ठ दिमाग वाले लोगों को साथ लाने की भारतीय और ब्रिटिश प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता पर आधारित है। ये लोग न सिर्फ उच्च कौशल वाली नौकरियों और आर्थिक वृद्घि में साझेदारी को नया आयाम देंगे बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने की दिशा में भी मिलकर काम करेंगे।
इसमें कहा गया कि ब्रिटिश सरकार ने कोविड-19 और पर्यावरण को खतरे जैसी कुछ बेहद गंभीर वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षा और उद्योग क्षेत्र के वैज्ञानिकों की मदद के लिए 30 लाख पाउंड का नवोन्मेष चुनौती कोष भारत में शुरू किया है।
कोष ने कर्नाटक में एआई-डाटा समूह (क्लस्टर) और महाराष्ट्र में भविष्य में गतिशीलता समूह (क्लस्टर) के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवोन्मेष से जुड़े ऐसे लोगों को आमंत्रित किया है जो कोविड-19 से निपटने या इस ग्रह को ज्यादा हरित बनाने की दिशा में काम कर रहे हों।
उनसे अपने अनुसंधान और विकासपरक प्रस्ताव पेश करने को कहा गया है। इस कोष के तहत 2.5 लाख पाउंड तक के कम से कम 12 अनुदान दिए जाने की उम्मीद है। बयान में कहा गया कि इसके लिए दो पन्नों के परिकल्पना नोट जमा कराने की अंतिम तिथि 31 अगस्त तक है। अन्य विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।