लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सत्तामद में भाजपा की सरकार लोकतंत्र और संविधान की सभी मर्यादाओं को तार-तार करने पर तुल गई है। भाजपा सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लाकर देश में बंटवारे की राजनीति को बढ़ावा देने का काम किया है। पूरे देश में इसका जनप्रतिरोध जारी है। केन्द्र सरकार ने तानाशाही के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि घोषित 19 दिसम्बर को पार्टी का शांतिपूर्ण धरना अवश्य होगा। धरना के माध्यम से पार्टी राज्यपाल का ध्यान जनसमस्याओं की ओर आकर्षित करना चाहती है। आज सरकार की गलत नीतियों से चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची है। सरकार जनता के मन की बात सुनने के बजाय अपने मन की मनमानी बातें थोपने पर उतारू है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज पूरी तरह अंधेरगर्दी पर उतर आया है। नौजवान, सामाजिक कार्यकर्ता जो नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरूद्ध आवाज उठा रहे हैं, उनको कुचलने के लिए प्रशासन बर्बरता पर उतर आया है। विश्वविद्यालयों से छात्रों को बाहर किया जा रहा है, हास्टल खाली कराए जा रहे हैं। छात्राओं तक का उत्पीड़न किया जा रहा है। पुलिस राजनीतिक कार्यकर्ताओ को चेतावनी पत्र देकर धमकाने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने लागत से ड्योढ़ा गुना ज्यादा फसल का दाम देने का वादा किया था। उस वादे का क्या हुआ? गन्ना किसानों का बकाया भुगतान मिलों ने नहीं किया। उन पर कड़ी कार्यवाही के बजाय किसान का ही उत्पीड़न किया जा रहा है। सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा की गलतनीतियों के चलते देश की अर्थव्यवस्था रसातल में जा रही है।