श्रीराम कथा के तृतीय दिवस
लखनऊ। त्रिवेणी नगर में हो रही श्रीराम कथा के तृतीय दिवस राम के इस धरा पर अवतरण के हेतु भारतीय संस्कृति के पोषक विप्र ( ब्राह्मण/विद्वान), धेनु (गौ और पृथ्वी) सुर (देवता ) संत (लोक-मंगल कारी शक्तियां) के संरक्षण एवं संवर्धन था। इन चारों के बिना सनातन कभी पुष्ट नहीं हो सकता। कथा व्यास भाईश्री दिलीप शुक्ल जी ने कहा कि आज समाज भौतिक सम्पन्नता के बाद भी कष्ट में है क्योंकि वह गौ, ब्राह्मण, देवता और संत की उपेक्षा और परिहास में नहीं चुकता। भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व मानवता बिना इनके संरक्षण के कभी भी प्रफुल्लित नहीं हो सकती।कथा में राम जन्मोत्सव पर भावविभोर हो झूम उठे सभी भक्तगण। अनिल कुमार अग्रवाल, शिवशंकर अवस्थी, विशाल तोमर, हेमन्त रस्तोगी, मुकेश शुक्ला, विनोद शुक्ला, अखिलेश नित्य व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।