- केंद्र ने छात्रों, पर्यटकों को भी आवाजाही की दी अनुमति
- बसों से पहुंचाये जायेंगे फंसे हुए लोग, सोशल डिस्टेंसिंग का किया जायेगा पालन
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को लॉकडाउन के 35 दिनों बाद प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने कहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक अपने घरों को जा सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकारें बसों का इंतजाम करेंगी।
गृह मंत्रालय ने इसका आदेश बुधवार को जारी कर दिया है।
मंत्रालय ने छ पॉइंट्स की गाइडलाइन राज्यों को भेजी है। इसमें बताया गया है कि कैसे सरकारें इन फंसे हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का काम कर सकती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के इस फैसले से देशभर में फंसे करीब 10 लाख से ज्यादा मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं, सैलानियों को राहत मिलेगी।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने केंद्र के आदेश की जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन में फंसे हुए लोगों के समूहों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन वाहनों को सैनेटाइज किया जाएगा तथा सीटों पर बैठते समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन कराना होगा, लेकिन गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या किसी व्यक्ति या परिवार को निजी वाहन में जाने की इजाजत मिल सकती है या नहीं और यदि अनुमति मिल सकती है तो उसके लिए क्या शर्तें होंगी।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे आदेश में भल्ला ने कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, सैलानी, छात्र और अन्य लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी। मंत्रालय ने शर्तें गिनाते हुए कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बाबत नोडल अधिकारी बनाने होंगे और ऐसे लोगों को रवाना करने तथा इनकी अगवानी करने के लिए मानक प्रोटोकॉल बनाने होंगे।
आदेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी अपने राज्यों में फंसे हुए लोगों का पंजीकरण भी करेंगे। यदि फंसे हुए लोगों का समूह किसी एक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के बीच यात्रा करना चाहता है तो दोनों राज्य एक दूसरे से सलाह-मशिवरा कर सकते हैं और सड़क से यात्रा के लिए आपसी सहमति जता सकते हैं।
गृह मंत्रालय के अनुसार सफर करने वालों की स्क्रीनिंग की जाएगी। जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी। आदेश के अनुसार बस के मार्ग में पड़ने वाले राज्य ऐसे लोगों को उनके राज्यों के लिए अपने यहां से गुजरने देंगे। गंतव्य स्थल पर पहुंचने पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी उन पर नजर रखेंगे और उन्हें घर में पृथक-वास में रहने को कहा जाएगा।
अगर जरूरत लगती है तो संस्थागत पृथक-वास में भी रखा जा सकता है। गृह मंत्रालय के अनुसार इन लोगों पर लगातार नजर रखी जाएगी और समय समय पर इनकी स्वास्थ्य जांच होगी। इस अवसर का लाभ उठाने वाले लोगों को आरोज्ञ सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिसके माध्यम से वे अपनी सेहत के स्तर पर नजर रख सकते हैं।