भारत रत्न डॉ अब्दुल कलाम देश के लिए देखते थे सपने : राज्यपाल

  • देश को अंतरिक्ष में पहुंचने में उनका बड़ा योगदान

  • डॉ कलाम की शिक्षा को युवाओं को आत्मसात करने की जरूरत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को कहा कि भारत रत्न डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम देश के लिये सपने देखते थे। देश को अंतरिक्ष में पहुंचाने और मिसाइल क्षमता से लैस करने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने अपने को सदैव एक शिक्षक ही माना। उन्होंने कहा कि डाॅ कलाम ज्ञान आधारित समाज का सपना देखते थे और उनका दृष्टिकोण समाधान केंद्रित था।

राज्यपाल ने राजभवन से पूर्व राष्ट्रपति डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम की 89वीं जयन्ती के मौके पर डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम सेंटर द्वारा लखनऊ में शुरू किये जा रहे ‘कलाम किचन’ का ऑनलाइन शुभारम्भ किया। उन्होंने ‘कलाम डिजिटल स्कूल’ का भी शुभारम्भ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि डॉ अब्दुल कलाम दी हुई शिक्षाओं को हमारे युवाओं को आत्मसात करने की जरूरत है।

इस मौके पर राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि डाॅ अब्दुल कलाम ऐसे राष्ट्र नायक थे, जिन्होंने अपने कार्यों और विचारों से न केवल लोगों को प्रेरित किया, बल्कि युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करते हुए असंभव को भी संभव कर दिखाने की प्रेरणा दी। उन्होंने विज्ञान के साथ सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक क्षेत्र में भी कई नये विचार दिये।

राज्यपाल ने कहा कि डाॅ कलाम का कहना था कि युवाओं को अगर सही दिशा दिखाई जाये तो वे मानवता के लिए परिवर्तनकारी बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज डाॅ कलाम के सकारात्मक कार्य करते रहने की प्रवृत्ति को युवाओं को अपने जीवन से जोड़ने की जरूरत है।

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी नये-नये आविष्कार करें और एक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में अपना योगदान दे। भारत को एक ऐसा देश बनाना है, जहां गांव-शहर का अंतर न के बराबर हो, जहां सभी के लिए संसाधनों की समान उपलब्धता हो, जहां हर किसी को बेहतर स्वास्थ्य सेवा और अच्छी शिक्षा मिले। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हर नागरिक की विशेष भूमिका है। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयासों से और सबके साथ मिलकर हम इस सपने को साकार कर सकते हैं।

राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम के विजन को आगे ले जाने में कलाम सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लखनऊ में ‘कलाम किचन’ की शुरूआत उन लोगों के लिए की जा रही है, जिनकी आय में कोरोना महामारी के कारण कमी आयी है। यह किचन अगले दो महीने तक 10 हजार से भी अधिक लोगों की मदद मासिक राशन किट देकर करेगा। ‘कलाम डिजिटल स्कूल’ के माध्यम से विद्यार्थी निःशुक्ल एनिमेशन द्वारा डा कलाम से सीधे पढ़ सकते हैं।

इस मौके पर कलाम सेंटर के सीईओ सृजन पाल सिंह नई दिल्ली से, कलाम सेंटर के ट्रस्टी डा अशोक विखे पाटिल, रितु प्रकाश छाबरिया लंदन से, पायल राजपाल पुणे से और गोदरेज से डिम्पी देव आनलाइन जुड़ी हुईं थी।

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