प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने पूर्व कंपनी भूषण स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के खिलाफ धन शोधन से जुड़े कथित 56,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले के संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
ईडी ने कहा कि जिन लोगों को बृहस्पतिवार को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया, उनमें कंपनी के पूर्व बैंकिंग उपाध्यक्ष पंकज कुमार तिवारी,
पूर्व लेखा उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी नितिन जौहरी, पूर्व प्रवर्तक नीरज सिंघल के बहनोई अजय मित्तल और नीरज की बहन अर्चना मित्तल शामिल हैं।
एजेंसी ने कहा कि उन्हें अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें तीन दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया। टाटा स्टील लिमिटेड ने 2018 में कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया
(सीआईआरपी) पूरी करने के बाद भूषण स्टील का अधिग्रहण कर लिया था।
ईडी के अनुसार, भूषण स्टील लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल और उनके साथियों ने कई फर्जी कंपनियां बनायी और बीएसएल से जुड़े प्रवर्तकों और कंपनियों ने कथित बैंक कर्ज धोखाधड़ी के तौर पर कई इकाइयों के जरिए पैसा एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजा। धन शोधन का यह मामला कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की जांच एजेंसी गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा दाखिल आरोपपत्र से सामने आया।
एजेंसी ने एक बयान में कहा, अजय मित्तल और अर्चना मित्तल ने जानबूझकर अपराध से 70 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। उन्होंने बीएसएल की संपत्ति भी गिरवी रख दी और धन को नीरज सिंघल के परिवार तक पहुंचा दिया। बयान में कहा गया है कि नितिन जौहरी, पंकज तिवारी और प्रेम अग्रवाल बीएसएल के पूर्व कर्मचारी हैं जो खातों और बैंकिंग लेनदेन के प्रभारी मुख्य व्यक्ति थे।