नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है :–
- 20 दिसंबर 2018 : जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। इसे तीन जुलाई 2019 तक के लिए बढ़ाया गया।
- पांच अगस्त 2019 : केंद्र ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया।
- छह अगस्त 2019 : जम्मू कश्मीर के वकील शाकिर शबीर के साथ शामिल हुए एक अन्य वकील एम एल शर्मा ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देते हुए पहली याचिका दायर की।
- 10 अगस्त 2019 : जम्मू कश्मीर के एक प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने एक याचिका दायर करते हुए कहा कि राज्य के दर्जे में किए गए बदलावों ने उसके नागरिकों के जनादेश के बिना उनके अधिकार छीन लिए हैं।
- 24 अगस्त 2019 : भारतीय प्रेस परिषद ने संचार पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन के फैसले का समर्थन करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
- 28 अगस्त 2019 : उच्चतम न्यायालय ने पत्रकारों पर लागू प्रतिबंधों को हटाने के लिए कश्मीर टाइम्स के संपादक की याचिका पर केंद्र सरकार, जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया।
- 28 अगस्त 2019 : तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ को भेजा।
- 19 सितंबर 2019 : उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया।
- दो मार्च 2020 : उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं सात सदस्यीय वृहद पीठ को भेजी।
- 25 अप्रैल 2022 : उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन की कार्यवाही किए जाने के मद्देनजर एक याचिकाकर्ता के तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को गर्मियों की छुट्टियों के बाद सूचीबद्ध करने पर सहमति जतायी।
- 11 जुलाई 2023 : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो अगस्त से रोज सुनवाई शुरू करेगा।
- दो अगस्त 2023 : उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की।
- पांच सितंबर 2023 : अदालत ने 23 याचिकाओं पर 16 दिन तक सुनवाई करने के बाद मामले पर फैसला सुरक्षित रखा।
- 11 दिसंबर 2023 : उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल 30 सितंबर तक कराया जाए।