नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्पाद के निर्माता का नाम, उत्पाद के मूल देश और उसका अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) प्रमुखता से प्रदर्शित करने के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइटों को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर मंगलवार को केंद्र से जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और ई-कॉमर्स वेबसाइटों का स्वामित्व करने वाली ओ(1) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सोशियोफाई एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड और फैशनियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किए और 12 मार्च तक याचिका पर अपना रुख बताने को कहा।
फैशनियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, सोशियोफाई एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड और ओ(1) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड क्रमश: मीशो, ग्लोरोड और शॉप101 ई-कॉमर्स वेबसाइट की मालिक हैं। याचिका में दावा किया गया है कि उपभोक्ता ई-कॉमर्स मंचों पर इन विवरणों का उल्लेख नहीं किए जाने को लेकर काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता एवं गाजियाबाद निवासी अजय कुमार सिंह ने कहा कि वह नियमित रूप से ई-कॉमर्स वेबसाइटों से खरीदारी करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने काफी छानबीन की और पाया कि उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 और विधिक मापतौल (पैक की हुई वस्तुएं) नियम, 2011 का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, यदि ए ई-कॉसर्म वेबसाइट एमआरपी, विक्रेता का विवरण, विनिर्माण का देशाउत्पाद के मूल देश का उल्लेख नहीं करना जारी रखेंगी, तो पूरे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। किसी वस्तु की एमआरपी प्रदर्शित नहीं किए जाने पर उपभोक्ताओं को विनिर्माता की ओर से निर्धारित अधिक कीमत पर वस्तु को खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है। याचिका में कहा गया, उपभोक्ताओं के महत्वपूर्ण अधिकारों का भी हनन किया जा रहा है क्योंकि वे खरीदारी करते समय विक्रेता से अवगत नहीं होते हैं।