उत्तर प्रदेश के बजट पर अखिलेश बोले, खेल खत्म, पैसा हजम

प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में प्रदेश सरकार की बजट पर कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नीत सरकार का आखिरी बजट आज पेश हुआ है। यह आखिरी बजट था और इसके बाद मुख्यमंत्री कुछ चाहेंगे तो भी नहीं मिल सकता। इसके साथ खेल खत्म, पैसा हजम। उन्होंने कहा, यह पैसा भाजपा ने कैसे खत्म किया है, वह हम और आप नहीं समझ पाए। हमें तो उम्मीद थी कि जो बजट आएगा, इसमें गरीब के लिए, किसान के लिए कुछ राहत होगी। लेकिन गरीब को वही धोखा मिला जो भाजपा पहले दिन से देते आई है।

कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के लिए नहीं, बल्कि उद्योगपतियों के लिए फैसले ले रही है। कानून किसानों के लिए लाया गया है, लेकिन वह उन्हें नहीं चाहते हैं, ऐसे में कृषकों पर कानूनों को थोपने की क्या जरुरत है। अगले वर्ष प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पूर्व अखिलेश यादव ने ब्राह्मण समाज के कई प्रबुद्घ नेताओं- मनोज पांडेय, विनय पांडेय, बब्बन दूबे, प्रभाकर शर्मा, रुद्र ओझा के समाजवादी पार्टी से जुडऩे का स्वागत किया। इन नेताओं ने सपा प्रमुख को भगवान परशुराम की प्रतिमा भेंट की।

उन्होंने कहा, हमने भगवान परशुराम के नाम पर अवकाश घोषित किया था। इसी तरह विश्वकर्मा जयंती पर अवकाश दिया जाता था, लेकिन इन लोगों (भाजपा नीत सरकार) ने भगवान परशुराम, विश्वकर्मा जयंती पर दी जाने वाली छुट्टी खत्म कर दी। सभी वर्गों के लोगों के सपा से जुड़ने का दावा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा, जो सत्ता में आज बैठे हैं, जिनके पास 324 सीटें हैं, उनके लोग भी बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी से जुड़ेंगे।

डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि पर सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा, सरकार यह कहती है कि इन पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। यही तो हम भी कह रहे हैं कि आप किसानों को कंपनियों के भरोसे छोड़ दोगे तो किसानों को एमएसपी (फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य) कौन देगा। कल ये कंपनियां हमारे किसानों का सबकुछ खरीद लेंगी तो उसका बाजार में भाव क्या होगा। इसलिए किसान को बाजार पर नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि कीमतें बाजार तय करती हैं।

अखिलेश ने कहा, पेट्रोल-डीजल पर जो मुनाफा हो रहा है, वह कहां जा रहा है। यह मुनाफा किसान के लिए है या उद्योगपति के लिए है। यह सरकार हमारे आपके जनप्रतिनिधि जैसी नहीं है, बल्कि धन प्रतिनिधि बन गई है। जिले के यमुनापार घूरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बसवार गांव में निषाद समाज के लोगों के साथ घटित घटना पर उन्होंने कहा, इस सरकार के लोगों ने उनकी (नाविकों) नाव नहीं तोड़ी थी, बल्कि उनकी रोजी रोटी छीनी। सपा के नेता और कार्यकर्ता सबसे पहले उनके पास पहुंचे और जो भी मदद कर सकते थे, उन्होंने की।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को बसवार गांव का दौरा कर वहां प्रभावित लोगों से मुलाकात की थी और नाविकों की टूटी नावों का निरीक्षण कर उनकी लड़ाई लड़ने का वादा किया था। गत चार फरवरी को अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बालू के अवैध खनन में कथित तौर पर लिप्त निषाद समाज के कई लोगों को कथित तौर पर पीटा और उनकी नावें तोड़ दी थीं।

यादव ने कार्यक्रम के दौरान सपा के वरिष्ठ नेता राम पूजन पटेल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्घांजलि दी और पटेल के निधन को पार्टी के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे राम पूजन पटेल का सोमवार की सुबह प्रयागराज के तेलियरगंज स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे।

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