- सपा शासनकाल था अराजकता का दूसरा नाम
- योगी सरकार में नौकरी के लिए बस ‘मेरिट’ ही मानक
विशेष संवाददाता
लखनऊ। वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी के शासनकाल को कानून-व्यवस्था के लिहाज से सबसे अराजक समय बताया है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा आये दिन राज्य सरकार पर आरोप लगाये जाने पर खन्ना ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश को ‘झूठों का बड़ा सरदार’ की संज्ञा देते हुए उनकी निंदा की है। खन्ना ने कहा कि झूठ बोलने में अखिलेश यादव का कोई जवाब नहीं। तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने में तो उन्हें महारत हासिल है। खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो युवाओं के आदर्श हैं। युवाओं ने ही उनको युवा हृदय सम्राट से नवाजा है। वह युवाओं की अभिव्यक्ति के घोर पक्षधर हैं। जब भी मौका मिलता है, वह युवाओं से संवाद भी करते हैं।
मंत्री ने कहा कि योगी का विरोध उनके प्रति है जो युवाओं को बेवजह उकसा रहे हैं। उनसे सरकार पर दबाव के लिए चंदा वसूल कर प्रयोजित धरना-प्रदर्शन के लिए उकसा रहे हैं। ऐसे लोगों को इस तरह के कामों के लिए खाद-पानी सपा की सरकार की ही सरपरस्ती में मिली है, क्योंकि तब सरकारी नौकरियां मेरिट पर नहीं, क्षेत्र, जाति और मजहब के आधार पर मिलती थीं। इसके लिए भी आपके लोग झोला लेकर चलते थे। सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी के कार्यकाल में जिन साढ़े चार लाख युवाओं को नौकरियां मिलीं हैं, उनका एक मात्र आधार मेरिट रहा है। ऐसे में अखिलेश को तकलीफ होना स्वाभविक है। रही बात कानून-व्यवस्था की, तो सपा के पूरे कार्यकाल को अराजकता के लिए ही जाना जाता था। थाने से लेकर जिले तक बिकते थे। इस बारे में बोलने का अखिलेश को कोई हक नहीं।