अखिलेश का दावा: गोरखपुर में एक साल में 1000 से ज्यादा बच्चों की मौत

लखनऊ। समाजवादी पार्टी सपा के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीते एक साल में गोरखपुर में एक हजार से ज्यादा बच्चों की मौत होने का दावा करते हुए शुक्रवार को सरकार से पूछा कि इसका जिम्मेदार कौन है।

अखिलेश ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत की तो फिक्र है मगर गोरखपुर में पिछले 12 महीनों में एक हजार से ज्यादा बच्चों की जान जा चुकी है, मुख्यमंत्री उसकी फिक्र कब करेंगे। सपा अध्यक्ष ने गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों की जानकारी में था कि उन बच्चों को कौन सी बीमारी है लेकिन इंसेफेलाइटिस से मौतों के आंकड़े ठीक रखने के लिए उन्हें उस बीमारी की दवा नहीं दी गई।

अखिलेश यादव ने दावा किया कि इस वजह से हजार से ज्यादा बच्चों की जान गई। उन्होंने कहा कि वह आने वाले समय में इन मृत बच्चों की सूची जारी करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बताए कि बच्चों को गलत दवा किसलिए दी गई और इसका जिम्मेदार कौन है? अखिलेश ने उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह पर पलटवार करते हुए कहा, भाजपा के लोग उन्हें एक महीने के लिए पाकिस्तान जाने की सलाह दे रहे हैं। मैं उनका बयान नहीं दोहराउंगा क्योंकि वे नहीं चाहते कि बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई बहस हो। सपा अध्यक्ष ने कहा कि इस सबको देखते हुए बहुत जल्द सपा के नौजवान कार्यकर्ता साइकिल चलाकर रोजगार मांगने का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि वे लोगों से यह भी कहेंगे कि राष्ट्रीय जनसंख्या पंर्जी एनपीआरी का फार्म नहीं भरें। उन्होंने कहा कि हम और लोगों से भी अपील करेंगे कि आगे आएं और सत्याग्रह के इस आंदोलन में सहयोग करें। पूर्व मुख्यमंत्री ने नोएडा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण से जुड़े मामले पर कटाक्ष करते हुए कहा, कानूनव्यवस्था सम्भालने की जिनकी जिम्मेदारी थी वे आज किन बातों में उलझे हुए हैं? पहले तो राजनीतिक पार्टियां जिस तरह के आरोप लगाती थीं, अब आईपीएस खुद इल्जाम लगा रहे हैं। इस सबके लिए सरकार और उसके मुखिया जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि अगर वह एनपीआर का फार्म नहीं भरते हैं तो उन्हें किस कानून के तहत सजा दी जाएगी? सपा अध्यक्ष ने कहा, आधार कार्ड बनवाने के लिए सरकार ने इतने पन्ने भरवाए थे। सी कौन सी जानकारी है जो आपके पास नहीं है और अब आप एनपीआर के जरिए लेना चाहते हैं। अखिलेश ने कहा कि जब राजाओं के पास अपने महलों के कागज नहीं हैं तो गरीबों के पास अपने ठिकानों के दस्तावेज कैसे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि एनपीआर गरीबों के खिलाफ है।

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