लखनऊ। राष्ट्रीय राशन कार्ड पोर्टबिलिटी योजन के तहत अब तक जिले के अंदर 86,989 और 7059 जिलों के बाहर लाभार्थियों ने योजना का लाभ उठाया है। उत्तर प्रदेश के एक लाभार्थी ने पोर्टबिलिटी का लाभ उठाते हुए कर्नाटक से राशन लिया है। खाद्य एवं रसद विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि 01 मई से सामान्य वितरण साइकल में गेंहूं और चावल दोनों वितरित हो रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार तक 51.33 लाख परिवारों के 2.16 करोड़ लोगों को 125940 टन राशन वितरण हुआ। अब तक 86 लाख परिवारों के 3.64 करोड़ लोगों को 2.12 लाख टन राशन दिया गया है। कुल लक्षित वितरण का करीब 27 प्रतिशत वितरण हुआ। अंत्योदय कार्डधारकों, श्रमिकों, मजदूरों को नि:शुल्क वितरण हो रहा है।
प्रवक्ता के बताया कि फिलहाल उत्तर प्रदेश सहित 16 राज्य (आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश) तथा केंद्रशासित प्रदेश दादरा नगर हवेली के लाभार्थी आपस में राशन पोर्टबिलिटी का लाभ उठा सकेंगे। साथ ही साथ प्रवासी मजदूरों को इस योजना का विशेष लाभ मिलेगा।
खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी की विषम परिस्थियों में लाकडाउन से प्रभावित श्रमिकों, दैनिक मजदूरों तथा अन्य राज्यों में प्रवासी उत्तर प्रदेश के निवासियों की विशेष सुविधा हेतु भारत सरकार की योजना के तहत राष्ट्रीय राशन पोर्टबिलिटी की शुरूआत शुक्रवार से की गयी है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश का कोई लाभार्थी अन्य राज्य से तथा अन्य राज्य का कोई भी लाभार्थी उत्तर प्रदेश से बने किसी भी राशन कार्ड की राशन संख्या मात्र बताकर राशन ले सकता है।यह सुविधा आधार आधारित वितरण एवं पिछले 6 माह से सक्रिय राशन कार्डों पर ही होगी।
15 मई से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत नि:शुल्क वितरण शुरू किया गया जाएगा। इसमें सभी कार्डधारकों को उनके राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों के आधार पर प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल नि:शुल्क दिया जाएगा। कोरोना की विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अब तक करीब 4.24 लाख नए राशन कार्ड बनाए गए ताकि मजदूर/नरेगा श्रमिक तथा अन्य जरूरतमंद को राशन मिल सके। दिव्यांग/निशक्त जनों तथा हाट्स्पाट में कम्प्लीट लाकडाउन की स्थिति में राशन की होम डिलीवरी की जा रही है।