नयी दिल्ली। केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि यूट्यूब ब्लॉगर कार्ल रॉक (कार्ल एडवर्ड राइस) को वीजा नियमों का उल्लंघन करने की वजह से काली सूची में डाला गया है और वह अपने जीवनसाथी वीजा पर कारोबार कर रहे थे। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष केंद्र का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता अनुराग आहलूवालिया ने कहा, उन्हें वीजा नियमों का उल्लंघन करने की वजह से काली सूची में डाला गया है। हमें स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति दें। वह जीवनसाथी वीजा पर कारोबार कर रहे थे।
अदालत ब्लॉगर की पत्नी मनीषा मलिक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में उन्होंने पति को वीजा देने से इनका करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देते हुए इसे मनमाना और अतार्किक करार दिया है। अदालत ने कहा कि वीजा देना केंद्र का विशेषाधिकार है लेकिन यह तार्किक होना चाहिए और संबंधित पक्ष को इससे अवगत कराया जाना चाहिए। केंद्र को नोटिस जारी करते हुए अदालत ने कहा, आप इसे न्यायोचित ठहरा सकते हैं लेकिन उन्हें भी जानकारी होनी चाहिए। वीजा जारी करना सरकार का विशेषाधिकार है लेकिन वह न्यायोचित होना चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने केंद्र को तीन सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति पल्ली ने कहा कि अगर कोई गोपनीय सूचना है तो केंद्र सीलबंद लिफाफे में अदालत को इससे अवगत कराने को स्वतंत्र है। मलिक के वकील फुजैल अहमद अय्यूबी ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल को सरकार की ओर से वीजा रद्द करने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और पिछले साल अक्टूबर में भारत से जाने के बाद उनके वीजा पर रद्द की मुहर बिना किसी प्रतिकूल टिप्पणी की लगा दी गई। अय्यूबी ने मुवक्किल की ओर से बताया, मैंने वीजा अवधि बढ़ाने को कहा लेकिन इसके बजाय उन्होंने मुझे निकास पत्र (एग्जिट परमिट) दे दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
मलिक की याचिका के मुताबिक उनके पति कार्ल एडवर्ड राइस भारत के विभिन्न हिस्सों में जाते हैं और खूबसूरती को कैमरे में कैद करते हैं जिससे यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने बताया कि दोनों ने 2019 में शादी की और तब से वे दिल्ली में रहते हैं। राइस पिछले साल 10 अक्टूबर से ही न्यूजीलैंड से भारत नहीं आ पा रहे हैं। याचिका में कहा गया, याचिकाकर्ता के पति कार्ल एडवर्ड राइस के पास न्यूजीलैंड और नीदरलैंड की दोहरी नागरिकता है और वह 2013 से ही भारत आ रहे हैं और देश के कानून और वीजा शर्तों का कड़ाई से अनुपालन करते हैं।