नई दिल्ली: तीन तलाक के मुद्दे पर मोदी सरकार की बड़ी जीत हुई है। लोकसभा से इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद इसे मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया गया। ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई। बिल के पक्ष में 99 जबकि विपक्ष में 84 वोट पड़े। अब बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
ट्रिपल तलाक दिया तो…
- तीन तलाक गैर-कानूनी होगा
- ट्रिपल तलाक देने पर पति को अधिकतम 3 साल की सजा मिल सकती है
- पीड़िता या रिश्तेदार अब एफआईआर दर्ज करा सकते हैं
- किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक अवैध होगा
- तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध होगा
- तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने और अपने नाबालिग बच्चों के लिए मजिस्ट्रेट से भरण-पोषण और गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है। मजिस्ट्रेट तय करेगा कितना गुजारा भत्ता देना है
- महिला अपने नाबालिग बच्चों की कस्टडी के लिए भी मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकती है
एनडीए के 16 दलों ने इस बिल का बहिष्कार किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। वहीं, विपक्ष की ओर से एनसीपी, बसपा, आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने इस बिल का बॉयकट किया।