लखनऊ। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि प्रदेश के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए अर्थशास्त्र और योजना निर्माण के जाने माने विशेषज्ञों की ‘एक ह्यआर्थिक पुनर्निर्माण टास्कफोर्स’ गठित की जाए। इस आपदा के साथ आने वाली आर्थिक सुनामी से मुकाबला करने के लिए इस टास्कफोर्स का काम आर्थिक पुनर्निमाण का रास्ता तैयार करना हो।
प्रियंका ने मुख्यमंत्री को शुक्रवार को लिखे एक पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी ने आज ज्यादातर क्षेत्रों की कमर तोड़ दी है। प्रदेश का हर एक तबका इस आपदा और इसके आर्थिक व सामाजिक दुष्प्रभावों से परेशान है। कोरोना आपदा की वजह से कई ऐसे आर्थिक व सामाजिक स्तर के मुद्दे हैं जिन पर तुरंत ध्यान देने से आम जन को बहुत राहत मिलेगी।
कांग्रेस नेता ने किसानों की समस्याओं पर अपने पत्र में लिखा है कि किसानों की गेहूं की फसल की कटाई का समय चल रहा है। किसान बुरी तरह से परेशान हैं कि कटाई कैसे होगी। प्रदेश में कम्बाइन मशीनों से कटाई की इजाजत भी दे दी है परंतु अभी तक कम्बाइन मशीनों के मालिक प्रशासन से भयभीत हैं। ज्यादातर इन मशीनों के चालक दूसरे प्रदेशों से आते हैं, उनके आने की व्यवस्था की जाए। सही सूचना के अभाव में और जुमार्ने के डर से किसान रात-बिरात गेहूं काट रहे हैं। उन्होंने गन्ना किसानों का बकाया तत्काल भुगतान करने के साथ ही साथ आगामी फसल की खरीद की गारंटी करने की मांग की है।
प्रियंका ने कहा है कि पिछले दिनों में उत्तर प्रदेश के किसानों के ऊपर ओलवृष्टि और बेमौसम बारिश की मार पड़ी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुआवजा देने की भी घोषणा की थी, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने ओलावृष्टि और बारिश से हुई फसलों की बबार्दी का मुआवजा सभी किसानों को तुरंत दिए जाने की बात पत्र में प्रमुखता से लिखा है, ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।
कांग्रेस की महासचिव कहा है कि कोरोना महामारी अपने साथ एक आर्थिक तबाही भी लेकर आई है। उत्तर प्रदेश का कांच, पीतल, कालीन, बुनकरी, फर्नीचर, चमड़े, होजरी, डेयरी, मिट्टी बर्तन, फिशरी-हेचरी और अन्य घरेलू उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। ‘प्रदेश के लाखों बुनकरों की हालत अत्यंत खराब है।’
कांग्रेस नेता ने कहा है कि छोटे उद्योगों की बदतर हो रही स्थिति पर मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए लिखा है कि प्रदेश के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए अर्थशास्त्र और योजना निर्माण के जाने माने विशेषज्ञों की ह्णएक ह्यआर्थिक पुनर्निर्माण टास्कफोर्सह्ण गठित की जाए। इस आपदा के साथ आने वाली आर्थिक सुनामी से मुकाबला करने के लिए इस टास्कफोर्स का काम आर्थिक पुनर्निमाण का रास्ता तैयार करना होगा।
प्रियंका ने पत्र में मुख्यमंत्री से आगाह किया है कि अभी भी बहुत मजदूर परिवारों को राशन व नकदी की किल्लत है। काफी मजदूरों का पंजीकरण न होने से उनको किसी भी राहत योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि ‘बिना पंजीकृत मजदूरों को भी आर्थिक मदद की गारंटी की जाए।’ कई जगह राशन न मिलने की शिकायतें आ रहीं हैं बिना राशनकार्ड धारकों को भी राशन देने की गारंटी की जाए और राशन में चावल के साथ गेंहू, दाल, तेल, नमक और मसाला पाउडर भी दिया जाए।
कांग्रेस नेता ने मनरेगा मजदूरों के संदर्भ में पत्र में लिखा है कि सक्रिय मनरेगा मजदूरों को फ्री में राशन मिल रहा है, यह सराहनीय पहल है। किंतु उनको कोई आर्थिक राहत नहीं मिली है। उन्होंने पत्र में कहा है कि मनरेगा मजदूरों के लिए घोषित 611 करोड़ रुपया उनका पिछला बकाया था। अब जरूरी है कि ‘मनरेगा मजदूरों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए।’ अंत में उन्होंने कहा है कि इस आपदा के समय आम जनों को सहूलियत देकर प्रदेश में इस आपदा के असर को कम करने में इन कदमों पर गौर करना बहुत जरुरी है।