श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए गंभीरता से कार्य करें ग्राम रोजगार सेवक : योगी

-योगी ने 35,818 ग्राम रोजगार सेवकों को 225.39 करोड़ रुपये का किया भुगतान

-मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ग्राम रोजगार सेवकों से किया संवाद

-एमएमएस एप से दर्ज की जाये मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति

-महात्मा गांधी नरेगा योजना में प्रतिदिन 50 लाख श्रमिकों को रोजगार दिए जाने की आवश्यकता

-ग्राम्य विकास मंत्री ने कोविड केयर फण्ड के लिए दी 3 करोड़ 70 लाख रुपये की धनराशि

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के अंदर इस महीने के अंत तक हम लगभग एक करोड़ से अधिक ऐसे रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाएं जिससे हर नागरिक को रोजगार मिल सके।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा रोजगार सृजन का एक बड़ा माध्यम बन सकता है। 23 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम प्रतिदिन 50 लाख लोगों को रोजगार दे सकें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सबसे बड़ा कार्य है कि हम अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाएं और ऐसा तभी संभव हो पाएगा, जब प्रत्येक ग्राम रोजगार सेवक पूरी मजबूती के साथ अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करे।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर करीब 35 हजार 818 हज़ार ग्राम रोजगार सेवकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 225.39 करोड़ रुपये का मानदेय अंतरित किया। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग ने आज रोजगार सेवकों से जुड़ी हुई समस्याओं का समाधान किया है। ये समस्याएं नवंबर 2016 से लंबित थीं।

उन्होंने कहा कि सम्बन्धित मद में धनराशि की व्यवस्था न होने के कारण ग्राम रोजगार सेवकों का भुगतान लम्बित था। राज्य सरकार ने धनराशि की व्यवस्था कराकर भुगतान सुनिश्चित कराया है। इस धनराशि से 35,818 ग्राम रोजगार सेवक लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री ने लम्बित मानदेय के भुगतान के लिए ग्राम रोजगार सेवकों को बधाई देते हुए कहा कि ग्राम रोजगार सेवक वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से कार्य करें। ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम (एमएमएस) एप का प्रयोग करते हुए मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की जाए। इससे मनरेगा कार्यों का संचालन व भुगतान आदि की कार्यवाही प्रभावी ढंग से सम्पन्न हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक वापस आ रहे हैं। इसके दृष्टिगत, राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की आवश्यकता है। राज्य में रोजगार के असीम अवसर विद्यमान हैं। इन अवसरों को तलाशे जाने की जरूरत है। राज्य सरकार ने रोजगार सृजन के लिए नीतियां बनायी हैं और रोडमैप तैयार किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयां हैं। इन इकाइयों तथा मनरेगा के माध्यम से बड़ी संख्या में रोजगार पैदा किया जा सकता है। वर्तमान में महात्मा गांधी नरेगा योजना में प्रतिदिन लगभग 20 लाख रोजगार दिये जा रहे हैं। इसे बढ़ाकर प्रतिदिन 50 लाख श्रमिक किये जाने की आवश्यकता है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ी मात्रा में धन की आपूर्ति होगी, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फूलों से धूप व इत्र आदि बनाया जा सकता है। बेसिक शिक्षा में 1.80 करोड़ विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिन्हें स्कूल ड्रेस, स्वेटर आदि उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने अधिकारियों को ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन को प्रभावी ढंग से संचालित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि मिशन से जुड़े महिला स्वयंसेवी समूहों की सदस्यों को प्रशिक्षण देकर इन कार्यों से जोड़ा जाए। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों के खेती के विविधीकरण के लिए प्रशिक्षण दिलाये जाने पर भी बल दिया। उन्होंने सामान्य जन के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने वाले रचनात्मक कार्यक्रमों को प्रारम्भ करने के निर्देश भी दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आने वाले प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए कार्य कर रही है। इन कामगारों व श्रमिकों को नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है। निराश्रित लोगों को नि:शुल्क खाद्यान्न के साथ-साथ भरण-पोषण भता भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिए लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुपालन करते हुए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाया जाए।

ज्ञातव्य है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के संचालन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम रोजगार सेवक के पद संविदा के आधार पर तैनाती की गयी है। ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा जॉब कार्डों का वितरण, आवेदकों को कार्य का आवंटन, ग्राम सभा की बैठकों व सामाजिक लेखा परीक्षा में मदद, मास्टर रोल में प्रतिदिन श्रमिक की उपस्थिति दर्ज करना तथा श्रमिकों के जॉब कार्डों के नियमित रूप से अद्यतन किये जाने का कार्य सम्पादित किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 35,818 ग्राम रोजगार सेवक कार्यरत हैं।

कार्यक्रम को ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह व प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास व पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने भी सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री को ग्राम्य विकास मंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग की ओर से कोविड केयर फण्ड के लिए 3 करोड़ 70 लाख रुपये की धनराशि का प्रतीकात्मक चेक भी सौंपा।

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