नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए पर्याप्त आरक्षण की वकालत करते हुए गुरुवार को सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर जल्द सहमति बनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं को राजनीतिक रूप से सशक्त नहीं किया जाएगा तो देश की प्रगति बाधित होगी। नायडू ने बुजुर्गों की उपेक्षा और दुर्व्यवहार की खबरों पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, यह पूरी तरह से अस्वीकार्य प्रवृत्ति है जिसकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बच्चों का परम कर्तव्य है कि वे अपने परिवारों के वृद्ध सदस्यों की देखभाल करें।
उन्होंने कहा, हमें संसद और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए पर्याप्त आरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए और मैं सभी राजनीतिक दलों से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जल्द से जल्द आम सहमति बनाने का आग्रह करता हूं। एक अधिकारिक बयान के अनुसार उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह प्रस्ताव लंबे समय से लंबित है।
उन्होंने भारत में जन्म के समय लिंगानुपात की स्थिति, और भारत में बुजुर्गों की जनसंख्या पर रिपोर्ट जारी करने के दौरान ए टिप्पणियां की। नायडू ने ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करते हुए कन्या भ्रूण हत्या और दहेज पर प्रतिबंध लगाने वाले कानूनों को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को संपत्ति में एक समान हिस्सा दिया जाना चाहिए ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हों। बयान में कहा गया है कि नायडू ने स्कूलों में नैतिक शिक्षा का भी आह्वान किया ताकि बच्चे बड़े होकर जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनें।