पूरे विधि विधान के साथ माता की पूजा-अर्चना की
लखनऊ। शीतलाष्टमी पर्व श्रद्धा व सत्कार के साथ मनाया गया। भक्तों ने बासी प्रसाद शीतला माता को अर्पित कर सभी के सुख समृद्धि की कामना की। महिलाओं ने परिवार की खुशहाली की कामना के साथ शीतला माता का व्रत रखा।
पूरे विधि विधान के साथ माता की पूजा-अर्चना की। मेहंदीगंज स्थित शीतला देवी मन्दिर में सुबह से ही भक्त एक दिन पहले बनाया हलवा, पूड़ी, पुआ आदि पकवान लेकर पहुंचने लगे। शीतला देवी मन्दिर कमेटी के अध्यक्ष सुनील सैनी ने बताया कि शीतला माता का व्रत रखने से माता चेचक और खसरा जैसे रोगों से बचाती हैं। शीतला माता ग्रीष्मकाल में शीतलता प्रदान करती हैं इसलिए उन्हें शीतलता देने वाली देवी कहा जाता है। शीतला माता की पूजा करने से शरीर स्वस्थ रहता है और परिवार में सुख समृद्धि आती है।
भजन कीर्तन का आयोजन:
पर्व को लेकर अलसुबह से ही महिलाएं सजधज कर हाथों में पूजा सामग्री के थाल लिए मंदिरों में माता शीतला की पूजा आराधना करने पहुंची। जहां पर एक दिन पहले घर पर बनाए गए पुए, पकोड़ी, पूड़ी, राबड़ी, दही आदि पकवानों का भोग लगाया। वहीं महिलाओं के द्वारा व्रत रखे गए और माता शीतला से परिवार वालों की सुख समृद्धि के लिए दुआएं मांगी।
इस दौरान महिलाओं ने माता से घर परिवार की सुख समृद्धि की दुआएं भी मांगी। श्रद्धालुओं की ओर से कई स्थानों पर रात्री को मंदिरों में भजन कीर्तन के आयोजन भी किए गए। सामाजिक मान्यता के अनुसार शीतला अष्टमी के दिन शीतला मां का पूजन करने से चेचक, खसरा, बड़ी माता, छोटी माता जैसी बीमारियां नहीं होती और अगर हो भी जाए तो उससे जल्द छुटकारा मिलता है। ऐसी मान्यता है कि माता शीतला शांति की देवी हैं जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भक्तों की रक्षा करती हैं।
मांगलिक गीत गाते हुए पहुंची मंदिर:
इंदिरानगर के बालविहार स्थित शीतला माता मंदिर पर महिलाओं ने शीतला माता की विधि विधान से पूजा अर्चना की और ठण्डे भोजन का भोग लगाया। शीतला अष्टमी के अवसर पर तालाब किनारे मन्दिर में महिलाओं ने ठण्डे पकवानों का भोग लगाया। सुबह से ही महिलाओं ने सज धज कर मांगलिक गीत गाते हुए शितला मन्दिर में जाकर ठण्डे पकवानों का भोग लगाया।
नए वस्त्र धारण किए:
शीतलाष्टमी पर शीतलामाता मन्दिरों में महिलाओं का तांता लगा रहा। अल सुबह से ही महिलाएं नए वस्त्र धारण कर समूहों में मंगल गीत गाती हाथों में पूजा के थाल लिए मन्दिर पहुंची।