जलदूत ऐप के माध्यम से डाटा और फोटो फीड करने के दिये गये निर्देश
विशेष संवाददाता लखनऊ। भू-गर्भ जल संचयन व संरक्षण के लिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत जल संरक्षण व संवर्धन की विभिन्न योजनाओं के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश विलुप्तप्राय नदियों के पुनरूद्धार, नालों व झीलों आदि की सफाई, तालाबों का पुनरूद्धार, तालाब निर्माण, खेत-तालाब निर्माण व अमृत सरोवरों के निर्माण जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओ का संचालन किया जा रहा है। गांवों में जल स्तर की जमीनी हकीकत जानने के लिए ग्राम पंचायतों में अवस्थित कुओं का जलस्तर मापा जाएगा।
ग्राम्य विकास विभाग के मनरेगा योजना के अंतर्गत जलदूत ऐप के माध्यम से पोस्ट मानसून में ग्राम पंचायत में अवस्थित कुओं में जलस्तर के मापन के संबंध में सभी जिलाधिकारियों, जिला कार्यक्रम समन्वयकों (मनरेगा) को निर्देश दिए गए हैं। ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने जारी पत्र में कुओं के जलस्तर को मापने, डाटा एकत्रित करने और उसकी फोटो लेकर जलदूत ऐप के माध्यम से फीड करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
पोस्ट मानसून 2023 की पूरी सूचना को जलदूत ऐप के माध्यम से फीड करने की के निर्देश जारी हुए हैं। जारी निर्देशो में कहा गया है कि सभी ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा जलदूत ऐप को डाउनलोड करते हुए एकत्रित की गई सभी सूचना को फीड करना होगा। गौरतलब है कियह डाटा मानसून से पूर्व में एकत्र कर फीड किया गया था। निर्देश दिए गए हैं कि जिस प्रकार प्री मानसून डाटा फीड किया गया था, उसी प्रकार पोस्ट मानसून डाटा ऐप के माध्यम से फीड करना होगा। पोस्ट मानसून डाटा एकत्रित किए जाने की समय-सीमा 31 अक्टूबर तक निर्धारित की गई है।
ग्राम रोजगार सेवकों को निर्देश दिए गए कि डाटा एकत्रित करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखा जाए कि जिस कुएं से डाटा एकत्रित किया जा रहा है, उसमें 10 से 12 घंटे के भीतर पानी न निकाला गया हो, यदि इस समयावधि में पानी निकाला गया है, तो जलदूत द्वारा डाटा 10 से 12 घंटे बाद ही कैप्चर किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि एक ग्राम पंचायत के सभी कुओं का डाटा एक ही दिन में एकत्रित किया जाए।