लखनऊ। राजधानी लखनऊ में मंगलवार को श्रीराम विवाह उत्सव, विवाह पंचमी धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। राजधानी के अलीगंज, इंदिरानगर, आलमबाग, सीतापुर रोड, चौक, विकास नगर, आशियाना सहित कई मंदिरों में विवाह पंचमी धूमधाम से मनायी गयी। विवाह पंचमी पर इंदिरानगर के शिव मंदिर में विशेष आयोजन किया गया जिसमें भक्तों ने भजन संध्या का आयोजन किया। इस आयोजन में भक्तों ने भगवान राम के भजनों की देर शाम तक गंगा प्रवाहित होती रही। इसी क्रम में विवाह पंचमी के अवसर पर आज राजेन्द्रनगर के महाकाल मन्दिर में मंगलवार को श्रीराम विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया गया। पूरा आयोजन राजेन्द्रनगर की महिला मण्डल की ओर से सम्पन्न हुआ। उत्सव की शुरूआत दोपहर में विवाह गीतों के साथ हुआ। गीता कपूर अलका अग्रवाल ने सिया सजना को देख भुलाय गयी रे…, कोटि मनोज लजावन हारे, नख सिख निरख ठगाय गयी रे…, भजन सुनाकर उत्सव की शुरूआत की। उसके बाद ममता दिवेदी, सुनीता मिश्रा ने झुक जइयो तनिक रघुबीर सिया मोरी छोटी है… गाया तो शशि मिश्रा और लता गुप्ता ने आज मिथला नगरिया निहाल सखिया… सुनाया तो मन्दिर में मौजूद बाबा के भक्त थिरकने लगे। भजन के समय कभी प्रभु श्रीराम के जयकारे तो कभी जय जय महाकाल के जयकारे लगते रहे। बाद में मन्दिर के पुजारी ने सीता राम और बाबा महाकाल की आरती कर सबको प्रसाद बांटने के साथ सभी राम विवाह की बधाई दी। उत्सव पर मन्दिर को फूलों और बिजली की झालरों से सजाया गया।
पं. बिन्द्रेस दुबे ने बतया कि यह पर्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और भोग लगाने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन कुछ विशिष्ट चीजों का भोग लगाना विशेष रूप से शुभ और फलदायी होता है। भगवान श्रीराम को भगवान विष्णु का अवतार और माता सीता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। राम-सीता का पवित्र जीवन भारतीय समाज में एक आदर्श दांपत्य जीवन का प्रतीक है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य उनके गुणों को आत्मसात करना और अपने जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाना है।
धूमधाम से मना सीताराम जी का विवाह उत्सव
लखनऊ। मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष तिथि पंचमी को प्रभु श्रीसीताराम जी का विवाह उत्सव मंगलवार को राजधानी में धूमधाम से मनाया गया। मुख्य आयोजन सीतापुर रोड स्थित संकट मोचन शांति आश्रम (हाथी बाबा मन्दिर) अहिबरनपुर में मनाया गया। इस मौके पर मन्दिर का वार्षिक भण्डारे का आयोजन किया गया। उत्सव की शुरूआत मन्दिर के महंत सीताराम दास महाराज के सानिध्य में विवाह उत्सव मनाया गया। बाद में मन्दिर के सेवादार ज्योतिषाचार्य आनंद दुबे, कमल गर्ग, हिमांशु, अंशु की अगुआई में भण्डारा शुरू हुआ। देर रात तक चले भण्डारे में सैकड़ों लोगों ने भण्डारे का प्रसाद प्राप्त किया। भण्डारे के साथ भजन कीर्तन व संतों के प्रवचन देर शाम तक चलते रहे। महंत सीताराम दास महाराज ने बताया कि मन्दिर में चल रहे 11 दिवसीय अखण्ड श्रीसीताराम नाम जप यज्ञ का शनिवार को समापन होगा। महंत ने बताया कि मन्दिर में साल में जन्माष्टमी, छठी उत्सव, बसंत पंचमी, झूला उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
मनकामेश्वर में धूमधाम से मनी विवाह पंचमी
लखनऊ। डालीगंज के प्राचीन शिवालय श्रीमनकामेश्वर मंदिर मेंं मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मंगलवार को श्रीमहंत देव्यागिरी जी महाराज ने मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराया गया । इसके अलावा पंचमी पर भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह उत्सव भी धूमधाम से मनाया गया।
मदिर की साध्वी गौरजा गिरी और राधेश्याम ने मंत्र उच्चारण किया। श्रीमहंत ने ध्वजा की पूजा। श्रीमहंत ने भगवान का श्रृंगार किया और लड्डुओं का भोग लगाया। इस मौके पर मंदिर जय श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान हो गया। मदिर की भक्त ममता, गीता, उपमा पांडेय, कावेरी के अलावा पीयूष, ने भगवान श्री राम के विवाह पर भजन गाए।





