नई दिल्ली। राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 1971 के युद्ध के शहीदों को बुधवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि विजय दिवस देश की भावी पीढ़ियों के लिए राष्ट्र निष्ठा का आदर्श प्रस्तुत करता रहेगा।
उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू
उप राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक, नायडू ने कहा, आज विजय दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर भारतीय सेनाओं के शौर्य और पराक्रम को सादर नमन। 1971 के भारत-पाक युद्ध के अमर शहीदों व उनके परिजनों के त्याग को कृतज्ञ नमन उन्होंने कहा, यह दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा, भावी पीढ़ियों के लिए राष्ट्र निष्ठा का आदर्श प्रस्तुत करता रहेगा। गौरतलब है कि 16 दिसंबर भारत में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 1971 के युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों की बहादुरी की बुधवार को प्रशंसा की और कहा कि देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। कोविंद ने ट्वीट किया, आइए, विजय दिवस पर हमारे जवानों की बहादुरी को याद करें, जिन्होंने हमारी सम्प्रभुता और मानवीय गरिमा की रक्षा को लेकर देश की अडिग प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की।
उन्होंने 1971 के युद्ध में असाधारण साहस और शूरता दिखाई। देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर को भारत में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में 1971 में भारत को जीत मिली थी और केवल 13 दिनों के युद्ध के बाद एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुधवार को कहा कि 1971 के युद्ध में सैनिकों का बलिदान सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह देश उन्हें हमेशा याद रखेगा। गौरतलब है कि 16 दिसम्बर को भारत में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इसी दिन पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में भारत को जीत मिली थी, जिसके फलस्वरूप एक देश के रूप में बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। सिंह ने ट्वीट किया, आज विजय दिवस के अवसर पर, मैं भारतीय सेना के शौर्य एवं पराक्रम की परम्परा को नमन करता हूं। मैं स्मरण करता हूं उन जांबाज़ सैनिकों की बहादुरी को जिन्होंने 1971 के युद्ध में एक नई शौर्यगाथा लिखी। उन्होंने कहा, उनका त्याग और बलिदान सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह देश उन्हें हमेशा याद रखेगा।