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Wednesday, November 13, 2024

पहाड़ी कला-संस्कृति से सजी उत्तराखण्ड महोत्सव की शाम

द्वितीय दिवस रविवार होने के कारण काफी भीड़ उमड़ी
लखनऊ। भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन (गोमती तट -निकट खाटू श्याम मन्दिर) पर शाम-ए-अवध के नजारे को आज दस दिवसीय उत्तराखण्ड महोत्सव के द्वितीय दिवस रंगीन वेष-भूषा में ढाल-तलवार, मसकबीन, तुरही, रणसिंह आदि लिए उत्तराखण्ड से आये छोलिया दल, उत्तराखण्ड के परिधानों-आभूषणों से सजी सँवरी महिलाओं के दलों द्वारा झोड़ा, डांस उत्तराखण्ड डांस के कलाकारों, नाचेगा भारत, तथा मेहमान कलाकारों ने और भी सुरमयी तथा रंगीन बना दिया।
आज सांय मुख्य अतिथि के रूप में डा. दिनेश शर्मा संसद सदस्य, राज्य सभा तथा अतिथि क्षेत्रीय पार्षद प्रमोद राजन, महापरिषद के संयोजक दीवान सिंह अधिकारी, अध्यक्ष हरीश चन्द्र पंत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंगल सिंह रावत एवं महासचिव भरत सिंह बिष्ट द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रमों का शुभारम्भ किया गया। तदुपरान्त महापरिषद के अध्यक्ष एवं महासचिव ने अतिथियो को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत सम्मान किया।
उत्तराखण्ड महापरिषद द्वारा किए गए स्वागत से अभिभूत होकर डा. शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्तराखंड महापरिषद प्रत्येक वर्ष लखनऊ की सरजम़ी पर दस दिवसीय महोत्सव आयोजित कर उत्तराखंड की संस्कृति के साथ साथ विभिन्न प्रांतों की संस्कृति से लखनऊवासियों को रूबरू कराने का सुन्दर एवं सराहनीय कार्य विगत अनेक वर्षों से कर रहा है, इसकी भूरि भूरि प्रशंसा करते हुवे महापरिषद को बधाई दी।
महापरिषद के सचिव राजेश बिष्ट की परिकल्पना पर बने सुंदर महोत्सव स्थल पर करीने से नए डिजाइन से लगाए गए स्टाल लखनऊ में पहली बार आधुनिकता एवम् भव्यता का परिचय देते हैं ।
द्वितीय दिवस रविवार होने के कारण काफी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे स्टाल धारकों के चेहरे खिल उठे। लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों से दर्शकों के आगमन हेतु महापरिषद द्वारा बसों की विशेष व्यवस्था भी की है।


मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह कनवाल ने बताया महोत्सव में विविध सामग्री के 200 स्टाल लगे हैं, इन स्टालों में उत्तराखण्ड की दालों, हर्बल जूस, कश्मीरी शॉल, कालीन अनेक प्रांतों के हस्तशिल्पियों एवं स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पाद के साथ खान पान तथा बाल मिठाई के स्टाल भी लगे हैं। आज दिन में एकल नृत्य-05 वर्ष से 15 वर्ष आयु वर्ग में 12 प्रतिभागियों ने भाग लिया, प्रथम-शुभि अग्रवाल, द्वितीय-गार्गी द्विवेदी, तृतीय-अनीता तथा अनय भट्ट को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराने में पुष्पा वैष्णव, रेनू अधिकारी, राजेश्वरी रावत ने विशेष भूमिका निभाई तथा निर्णायक मण्डल में श्रीमती कमला चुफाल तथा अंजलि बौनाल रही। कराटे एसोसिएशन उ0प्र0 व जन शिक्षण संस्थान कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आत्म रक्षा (कराटे) प्रशिक्षण मंच के माध्यम से दिया गया। उत्तराखण्ड के पारम्परिक व्यंजन में 35 कलाकारों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम पूनम कनवाल एवं राजेश्वरी रावत, द्वितीय विमला चौहान तथा तृतीय नीलम अधिकारी विजेता रहीं। इस प्रतियोगिता में जज की भूमिका में प्रेमा पाण्डेय, मंजू पडलिया, पुष्पा वैष्णव, दीवान सिंह अधिकारी, हरीश चन्द्र पंत, पूरन चन्द्र जोशी तथा दीपक भट्ट रहे।
छोलिया नृत्य-संस्कृति विभाग, देहरादून उत्तराखण्ड के सहयोग से उधान्चल कला केन्द्र, अल्मोड़ा के कलाकारों द्वारा छोलिया नृत्य की प्रस्तुति महोत्सव स्थल पर घूम घूम कर दी जा रही है। उत्तराखण्ड़ी गाने में आरोह वर्मा द्वारा नृत्य, अन्ने भट्ट की गुलाबी शरारा की प्रस्तुति, प्रिन्सी एवं तन्नू की सुन्दर प्रस्तुतियों ने दर्षकों का मन मोहा। सावरी सावरी त्यार खुटुका झावरी गाने में सुनीता लटवाल की प्रस्तुति, गार्गी द्विवेदी का कथक, अनिका श्रीवास्तव का क्लासिकल डांस तथा आदित्य अधिकारी के निर्देशन में अदिति अधिकारी, प्रिया भट्ट तथा सिद्धी जोशी की प्रस्तुति पहाड़ी मैसप आदि को भी खूब सराहा गया।
सांयकालीन कार्यक्रम में छोलिया नृत्य अल्मोड़ा के कलाकारों द्वारा, प्रकृति नमन पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, महिला कवि सम्मेलन, झोड़ा प्रतियोगिता के 5 दलों की प्रस्तुति, सीमान्त नगर, कल्याणपुर दीपा बिष्ट, वसुन्धरापुरम, कल्याणपुर सुशीला नेगी, खरगापुर, गोमतीनगर ऊषा रावत, जन सरोकार सांस्कृतिक समिति, गोमती नगर हेमा वाणगी ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के अगले पड़ाव में नाचेगा भारत के 4 दलों की सुन्दर प्रस्तुति दी गयी। डांस उत्तराखण्ड डांस, सीजन-3 के 4 दलों की प्रस्तुति दी गयी। संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेष सरकार के सहयोग से प्रदीप सिंह भदौरिया के नेतृत्व मे झॉसी के कलाकारो के द्वारा बुन्देली राई नृत्य की प्रस्तुति दी गयी।

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