सीएम योगी करेंगे महोत्सव का उद्घाटन
लखनऊ। दस दिवसीय उत्तराखण्ड महोत्सव का शुभारम्भ 9 नवम्बर को गोमती तट, पं. गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन, बीरबल साहनी मार्ग (निकट खाटू श्याम मन्दिर) में पूरी भव्यता के साथ हो रहा है, दिनांक 08 नवम्बर 2024 को पं. दिनेश चन्द्र उप्रेती के द्वारा शुभ मुर्हत निकालकर 3 बजे उत्तराखण्ड महोत्सव के मंच पर पूजा अर्चना की गयी। महापरिषद के पदाधिकारी एवं मात्रशक्ति उपस्थित रही और उत्तराखण्ड महोत्सव 2024 के सफल आयोजन की कामना की गयी।
महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के द्वारा परम्परागत ढंग से सांय 06.30 बजे किया जायेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत अपनी परम्परागत वेशभूषा झोडे के 500 कलाकारों द्वारा पुष्प वर्षा कर एवम उत्तराखण्ड से आये छोलिया दल द्वारा जोश के साथ विविध करतब दिखाते हुए तथा अपने वाद्य यंत्रों से कर्णप्रिय धुन बजाते हुए किया जायेगा।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष हरीश चन्द्र पंत ने बताया कि उत्तराखण्ड महापरिषद प्रत्येक वर्ष उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से किसी ऐसे व्यक्ति को सम्मानित करता है जिसने अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हों और समाज में सकारात्मक बदलाव लाया हो। इसी परिप्रेक्ष्य में इस वर्ष, मैती आन्दोलन के प्रणेता डॉ. कल्याण सिंह रावत को ह्यह्यउत्तराखण्ड गौरव सम्मान-2024 से सम्मानित किया जाएगा, जो उत्तराखण्ड और दुनिया भर के लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। इस अवसर पर उत्तराखण्ड दर्पण-2024 स्मारिका प्रकृति नमन विशेषांक का विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया जायेगा।
महासचिव भरत सिंह बिष्ट ने अपने वक्तव्य में बताया कि उत्तराखण्ड महापरिषद पिछले 75 वर्षों से उत्तराखण्ड की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और विकास के लिए निरंतर कार्यरत है। महापरिषद का उद्देश्य अपनी पारंपरिक संस्कृति और कला को संजोने के साथ-साथ उसे आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना है। इस दिशा में महापरिषद ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें प्रमुख है नाचेगा भारत और उत्तराखण्ड डांस जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन, जो न केवल उत्तराखण्ड बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध हो चुकी हैं। उत्तराखण्ड महोत्सव में मंच एवं साज सज्जा में कुम्भ 2025 की झलकियाँ दिखायी जा रही है।
इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से महापरिषद ने न केवल उत्तराखण्ड के पारंपरिक नृत्य और कला रूपों को प्रोत्साहित किया, बल्कि नये कलाकारों को मंच प्रदान कर उनकी कला को भी बढ़ावा दिया। इन आयोजनों में उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से युवा कलाकारों की भागीदारी ने महापरिषद को सांस्कृतिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र बना दिया है। महापरिषद का यह प्रयास लगातार जारी है कि वह उत्तराखण्ड के कलाकारों को मंच प्रदान करें, ताकि वे अपनी कला को निखार सकें और समाज में अपनी पहचान बना सकें। इसके साथ ही, महापरिषद युवा कलाकरों को प्रेरित करता है और उन्हें अपने हुनर को प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे वे न केवल अपने राज्य में बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना सकें।
संयोजक श्री दीवान सिंह अधिकारी जी ने बताया कि हर वर्ष लखनऊ के गोमा तट पर वृहद दस दिवसीय महोत्सव का आयोजन करते हुए अपार प्रसन्नता होती है कि दस दिवसीय महोत्सव में भारत के विभिन्न प्रांतो के हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प के उत्पाद, स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित जैविक उत्पाद, दालो, हर्बल जूस, उत्तराखण्ड की बाल मिठाई, नैनीताल की नमकीन, कश्मीरी शॉल, कालीन तथा खान पान के 150 स्टालों की प्रदर्शनी लगायी जा रही है। स्टाल प्रदर्शनी प्रात: 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक लगेगी। सुन्दर मंच के प्रांगण में महिला प्रकोष्ट कि अध्यक्ष पुष्पा वैष्णव द्वारा रंगोली तथा पहाड़ की लोक विधा को जीवन्त करते हुए सुन्दर एपेण बनाये जा रहे है। महोत्सव में काफव क्वीन, मेहंदी प्रयोगिता, मिस्टर मिसेज प्रतियोगिता, स्वच्छ भरत अभियान विषय पर चित्रकला, गायन एवं नृत्य, उत्तराखण्ड के पारम्परिक व्यंजनो की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जायेंगी।