मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से अधिवक्ता तस्लीमा अजीज अहमदी ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक वाद में लिखित जवाब दाखिल किया। इस मामले से जुड़े अन्य वादों में जवाब दाखिल करने के लिए और मोहलत मांगे जाने पर अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 30 मई तय की है।
अधिवक्ता अहमदी ने कहा कि अन्य वादों में उनका जवाब तैयार नहीं है और उन्हें अपना जवाब दाखिल करने और संबंधित वादों में अपनी दलीलें रखने के लिए कुछ समय दिया जाए। हालांकि, हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने अहमदी के इस अनुरोध पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि याचिका रद्द करने के लिए आवेदन में उल्लिखित आधार में मुस्लिम पक्ष की ओर से पहले ही बहस की जा चुकी है।
अहमदी ने कहा कि चूंकि उनका जवाब तैयार नहीं है, लिहाजा उन्हें कुछ और समय दिया जाए। इस पर न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत ने सुनवाई टालते हुए अगली सुनवाई की तिथि 30 मई तय की।
अधिवक्ता अहमदी ने सोमवार को अदालत में दलील दी थी कि यह वाद समयसीमा से बाधित है क्योंकि उनके पक्ष ने 12 अक्टूबर 1968 को एक समझौता किया था और इस समझौते की पुष्टि 1974 में दिए गए एक दीवानी मुकदमें के निर्णय में कई गई है। एक समझौते को चुनौती देने की समयसीमा तीन वर्ष है, लेकिन यह वाद 2020 में दायर किया गया।