सांस्कृतिक कार्यक्रम संग होंगे मुशायरे व कवि सम्मेलन
लखनऊ। सृजन फाउंडेशन की एक बैठक मंगलवार को अमित सक्सेना की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें 8वें उत्तर प्रदेश महोत्सव 2024 का आयोजन 10 जनवरी से 30 जनवरी 2024 तक बंधु जी उत्सव वाटिका, 60 फिटा रोड, भुइयन देवी मंदिर के पास, जानकीपुरम विस्तार में कराने की सहमति हुई।
कार्यक्रम स्थल पर आयोजित बैठक में सृजन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ अमित सक्सेना ने बताया कि 8वें उत्तर प्रदेश महोत्सव 2024 इस बार 8वां महोत्सव है। संस्था विगत 7 वर्षों से इसे अनवरत करा रही है। इसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष्य में कराई गई थी। यह महोत्सव उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा आयोजन है। इस बार के महोत्सव में निम्न चीजों का समावेश रहेगा।
प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं की प्रदर्शनी और उनका विक्रय है। इस हेतु देशभर के सभी प्रांतों की अपनी अपनी गुणवत्ता और कौशल के आधार पर भागीदारी रहेगी। जिसमें दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली सभी वस्तुएं, खादी, सिल्क से बने हुए विभिन्न प्रकार के वस्त्र इत्यादि, घरेलू साज-सज्जा का सामान, लकड़ी पर कारीगरी की हुई वस्तुएं एवं खिलौने, मिट्टी के बने हुए बर्तन और अन्य उत्पाद आयुर्वेद व स्वदेशी चिकित्सा अन्य पद्धतियों और स्वदेशी कला आधारित आभूषण इसके मुख्य आकर्षण होंगे इसी प्रदर्शनी मैं अपने कौशल से बने सामान घरेलु निर्मित वस्तुओं और छोटे यंत्रों से बने हुए उत्पादों का एक युगानुकूल बाजार एवं परिवेश होगा जिससे सामान एवं उत्पाद अपनी गुणवत्ता एवं चमक से सभी को आकर्षित करेंगे। सांस्कृतिक मंच के माध्यम से प्रदर्शनी में तीन स्लॉट्स में कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। दोपहर 2 से 4 के समय में विभिन्न विषयों पर राष्ट्रीय संगोष्ठीओं के साथ कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यशालाओं के द्वारा यह प्रयास होगा कि देशभर में चलने वाले कुटीर उद्योग और छोटे व निजी उद्योग इकाइयों को संबल प्रदान किया जाए। इस तरह परिवार आधारित उद्योग, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग के लिए देशानुकूल और युगानुकूल वातावरण तैयार होगा। प्रदर्शनी में श्रम आधारित बंधुओं के लिए आर्थिक स्वावलंबन पर कार्यशालाऐं रहेंगी उन्हें सरकारी एवं गैर सरकारी आर्थिक सहयोग एवं ऋण की भी जानकारियां और प्रशिक्षण दिया जाएगा इसी प्रकार समसामयिक विषयों जैसे मद्य निषेध, सड़क सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, चाइल्ड लेबर, पॉलिथीन मुक्त भारत, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण जैसे मुद्दों पर भी पर चर्चा की जाएगी। सांय 4 बजे से 6 बजे तक साहित्यिक चचार्एं होंगी। इस समय में विभिन्न कवि सम्मेलनों, मुशायरों, पुस्तक विमोचन का आयोजन किया जाएगा। तत्पश्चात सायं 6 से 10 बजे के बीच नृत्य और संगीत के कार्यक्रम रहेंगे। शास्त्रीय नृत्य, सम्मान समारोह, धार्मिक आयोजन, फैशन शो आदि आयोजन द्वारा विविधता प्रदान की जाएगी। प्रदर्शनी में प्रतियोगिताओं का आयोजन प्रदेश के कौशल, प्रेरणा, प्रतिभा को प्रकाश में लाने का काम करेगा। साथ ही लुप्त हो रही विधा एवं कला को खोजने और बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार आधारित प्रतियोगिताएं भी रहेंगी। झूले में बैठकर एक खास तरह की आजादी का अनुभव होता है। मेले में हर प्रकार के झूले लगेंगे जिससे झूलने का आनंद लेने का शुभ अवसर मिलेगा। महोत्सव में आए हुए लोग झूले में बैठकर खुली हवा का आनंद ले सकेंगे। प्रदर्शनी में घूमने के बाद लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन से संबंधित स्टॉल उपलब्ध रहेंगे। जहां पर वे हर प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद ले पाएंगे ।