नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद कहा कि संसद में कृषि संबंधी विधेयकों को असंवैधानिक तरीके से पारित किया गया है इसलिए राष्ट्रपति को इन विधेयकों को संतुति नहीं देकर इनको वापस भेजना चाहिए। उन्होंने यह दावा भी किया कि रविवार को राज्यसभा में हंगामे के लिए विपक्ष नहीं बल्कि सरकार जिम्मेदार है।
आजाद ने कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में संवाददाताओं से कहा, सोमवार को करीब 18 दलों के नेताओं ने सहमति जताई थी कि राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें इससे अवगत कराया जाए कि किस तरह तरह से राज्यसभा में किसानों से संबंधित विधेयक पारित कराया गया। उनके मुताबिक, किसानों से संबंधित विधेयकों को सब लोगों से बातचीत करने के बाद लाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों और किसानों के नेताओं से बातचीत करके ऐसा कानून लाना चाहिए था। ऐसा करने से किसान खुश होता। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से सरकार ने इन विधेयकों को स्थाई समिति और प्रवर समिति के पास नहीं भेजा। अगर भेजा होता तो बेहतर होता। आजाद ने दावा किया, सदन में हंगामे के लिए विपक्ष जिम्मेदार नहीं है।
सरकार जिम्मेदार है। किसी तरह का मतदान नहीं हुआ। संविधान, नियम और कानूनों की धज्जियां उड़ाई गईं। कांग्रेस नेता ने कहा, हमने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि ये विधेयक सलीके से पारित नहीं हुआ है, यह असंवैधानिक है। इस विधेयक को वापस भेज दें ताकि इस पर दोबारा चर्चा हो और मतदान हो। मैंने यह भी कहा कि वह इन विधेयकों को संतुति नहीं दें।
उन्होंने यह भी कहा, राष्ट्रपति जी ने कहा कि वह हमारी ओर से रखी गई बातों पर गौर करेंगे। इससे पहले विपक्ष की कई विपक्षी पार्टियों ने इन मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा था।





