यूपी महोत्सव : जाने कैसे कब कहां इकरार हो गया…

राधा के प्यारे मीरा के श्याम आ जाओ मेरे भी कभी कोई काम…
लखनऊ। 17वें यूपी महोत्सव के सांस्कृतिक मंच पर राम की नगरी अयोध्या से चलकर लखन की नगरी यानी लखनऊ के आकाशवाणी और विभिन्न प्रतिष्ठित मंचों पर अपने भजनों से भाव विभोर कर देने वाले कलाकार राम सूरत तिवारी ने आज सोमवार की शाम को एक से बढ़कर एक भोजपुरी लोकगीतों की प्रस्तुतियां दीं। सर्वप्रथम विघ्नहर्ता मंगलकर्ता गणेश जी के श्लोक से कार्यक्रम की शुरूआत की। उसके बाद अवध नगरिया के जागल आजु भगिया। उसके बाद हम बिठाइबे ना नइया में तोहके प्रभु सुनाया। उसके बाद पंथ निहारात डगर बहारत सुनाया ।फिर उन्होंने शंकर जी की होली खेले मसाने में होली दिगंबर सुनकर दर्शकों की तालियां बटोरीं। उसके बाद राहुल कुमार जिन्हें लोग आर के भाई के नाम से जाने जाते हैं, ने सुंदर सुंदर भोजपुरी में लोकगीत सुनाए।
उसके बाद गायिका प्रीति लाल ने भगवान के भजनों से पंडाल को भक्तिमय बना दिया। उन्होंने राम जी का भजन मैने बांध लिया प्रेम वाला कंगना राम आए मोरे अंगना सुनाया। इसके बाद राधारानी का भजन राधा के प्यारे मीरा के श्याम आ जाओ मेरे भी कभी कोई काम, उसके बाद तू तो तीनों लोक के स्वामी तु है हम जानिथै सुनकर दर्शकों का दिल जीत लिया। अंत में हनुमान जी का भजन सुनाया। उसके बाद राजीव कुमार सक्सेना ने होगा तुमसे प्यारा कौन, और जाने कैसे कब कहां इकरार हो गया हम सोचते ही रह गए और प्यार हो गया सुनाया इस गीत पर साथ दिया प्रीति लाल ने।
एस. एस. इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने यूपी महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। बच्चों की प्रस्तुति में सांस्कृतिक धरोहर के पारम्परिक नृत्य की विभिन्न मुद्राएं व भावभंगिमा ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। एस.एस. ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन एवं समाजसेवी प्रवीण सिंह चौहान को विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित किया गया। चेयरमैन प्रवीण सिंह चौहान ने सभी का आभार जताते हुए बच्चों को प्रोत्साहित किया। इस कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाचार्या प्रिया उपाध्याय एवं शिक्षक भी उपस्थित रहे। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह एवं उपाध्यक्ष एन बी सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया तथा महोत्सव में आए सभी का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया। महोत्सव मे आज प्रिया पाल (सांस्कृतिक प्रभारी), प्रीति लाल, अंजुम और अथर्व विशेष रूप से मौजूद रहे।

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