लखनऊ। हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले विपक्षी गठबंधन इंडिया के बेहतर प्रदर्शन के बाद अब 10 रिक्त सीटों पर उपचुनाव के लिए मुकाबला कड़ा होने के आसार हैं साथ ही सत्तारूढ़ दल के समक्ष अपनी पकड़ दोबारा मजबूत करने का दबाव है।
यद्यपि भारत निर्वाचन आयोग ने अभी उपचुनाव की तारीख तय नहीं की है, लेकिन लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद मतदाताओं की कसौटी पर खुद को खरा साबित करने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सामने बेहतर प्रदर्शन की चुनौती है।
सपा और कांग्रेस दोनों ने 10 सीट पर उपचुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है। वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव समेत नौ विधानसभा सदस्यों के सांसद चुने जाने और एक विधायक को सजा सुनाये जाने के बाद उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में 10 सीट रिक्त हो गयी हैं और इन्हीं सीट के लिए उपचुनाव होने हैं। उप्र विधानसभा के विशेष सचिव ब्रजभूषण दुबे ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भारत निर्वाचन आयोग को 10 सीट रिक्त होने की सूचना भेज दी गयी है और प्रक्रिया के तहत छह माह के भीतर इन सीट पर उपचुनाव कराये जा सकते हैं।
वर्ष 2022 में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं जबकि एक सीट तब उसके गठबंधन में रहे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने जीती। एक सीट भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के खाते में गई जबकि तीन सीटें भाजपा ने जीती थीं। हालांकि उपचुनाव के नतीजे राज्य विधानसभा में भाजपा के लिए संख्यात्मक रूप से महत्वहीन होंगे क्योंकि वहां उसके पास पर्याप्त बहुमत है लेकिन नतीजे दोनों पक्षों के मनोबल को प्रभावित करेंगे क्योंकि भाजपा को कोई और नुकसान विपक्षी सपा और कांग्रेस को अपनी बढ़त को और मजबूत करने में मदद करेगा।
सपा और कांग्रेस ने जहां विश्वास व्यक्त किया है कि वे अपनी जीत का सिलसिला जारी रखेंगे वहीं भाजपा भी अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए उपचुनावों में कुछ खास करने की तैयारी कर रही है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने बताया कि कहीं कोई दबाव नहीं है बल्कि राजग पूरी मजबूती के साथ उपचुनाव लड़ेगा। भाजपा का कार्यकर्ता हमेशा जनसेवा और चुनाव के लिए तैयार रहता है और जाहिर सी बात है कि विधानसभा की सीटें रिक्त हुई हैं तो पार्टी पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेगी और खास उपलब्धि हासिल करेगी।
गठबंधन के दलों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी नेतृत्व तय करेगा लेकिन संगठन और सरकार के स्तर पर हम लोग पूरे उत्साह से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर चुके हैं। इस सिलसिले में जब समाजवादी पार्टी (सपा) के मुख्य प्रवक्ता और राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सभी रिक्त सीट पर उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी गयी है और कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन में हम लोग पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और इस उपचुनाव में भी भाजपा को करारी शिकस्त मिलेगी।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रबंधन के लिए बनायी गयी कमेटी इन 10 सीट पर अपनी तैयारी कर रही है और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव संसद सत्र के बाद इसके लिए नये सिरे से कमेटी बनाएंगे। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि होने वाले उपचुनाव में इंडिया गठबंधन एकजुट होकर लड़ेगा और जल्द ही गठबंधन के नेता बैठक कर सीटों पर और चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे।
बहुजन समाज पार्टी के एक नेता ने बताया कि पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को लखनऊ में सभी राज्यों के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें उपचुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने राज्य की 80 में से 43 सीटों पर जीत हासिल की जिसमें सपा को 37 और कांग्रेस को छह सीट मिलीं। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 33 सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल को दो और अपना दल (एस) को एक सीट मिली। इस चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुला।