लखनऊ। यूपी विधानसभा में शनिवार को विपक्ष ने कानून-व्यवस्था, कोरोना संक्रमण और यूरिया की कमी के साथ ब्राह्मणों के उत्पीड़न व कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। सपा सदस्य वेल में उतर आए तो बसपा ने सदन से वाकआउट किया। विधानसभा की कार्यवाही शनिवार को 11 बजे शुरू होते ही विपक्ष उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति, कोरोना वायरस संकट से निपटने के सरकार के तौर-तरीके तथा बाढ़ की स्थिति को लेकर विरोध जाहिर करने लगे कर हंगामा करने लगा।
विधानभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के बार-बार कहने के बाद भी सपा सदस्य नहीं माने और बेल में आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व सदस्य वीरेंद्र सिंह और कुंवर बहादुर सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव को पढ़ा और दो मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा, लेकिन सपा सदस्य हंगामा करते रहे। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पिछले सरकारों के अपेक्षा बेहतर हुई है।
यूपी सरकार जीरो टालरेंस पर काम कर रही है
विपक्ष के पास कोई काम नहीं है ऐसे में यह हंगामा कर रहे है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार जीरो टालरेंस पर काम कर रही है। खन्ना ने यह भी कहा कि ये सब आंतकवादियों के समर्थक हैं। इनकी सरकार बनी तो आतंकवादियों के मुकदमें वापस लेने का काम शुरू हो गया। संसदीय कार्य मंत्री के यह कहते ही सपा सदस्य उनके करीब पहुंच कर जोरदार नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने शोर-सराबा और हंगामा बढ़ते देख पहले सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित की।
इसके बाद इसे आधे घंटे लिए और बढ़ा दिया गया। सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्ष का हंगामा शांत नहीं हुआ। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर भारी हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री ने एक-एक कर कुल 27 विधेयक रखे, जिसे पास किया गया। जबकि क्षति वसूली, गोवध निवारण, मंत्री वेतन भत्ता सहित कई ऐसे महत्वपूर्ण विधेयक है जिन पर विपक्ष को खासी चर्चा करनी थी और सरकार को भी अपना पक्ष रखना था।
सपा और बसपा ने खराब कानून-व्यवस्था को लेकर वाकआउट किया
इसके बाद सपा और बसपा ने खराब कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर वाकआउट किया। सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर बयान दिया और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए सरकार की ओर से किए गए उपायों की जानकारी भी सदस्यों को दी। मुख्यमंत्री के बोलने के बाद बसपा नेता लालजी वर्मा ने यूपी में खराब कानून-व्यवस्था का मामला फिर उठाया।
उन्होंने अपराध पर पुन: सरकार से जवाब चाहा तो संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और उद्योग मंत्री सतीश महाना ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद सत्ता पक्ष और बसपा के सदस्यों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।