लंदन। ब्रिटेन में कोविड-19 के मामलों में गर्मियों के मौसम में स्थिरता आने के बाद अब महामारी से जुड़ी पाबंदियों में ढील से चिंताएं बढ़ गयी हैं। वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि जनता लापरवाही नहीं बरते। उन्होंने कहा कि समुदाय में संक्रमण के अधिक मामले आने से इस पतझड़ यानी सर्दी से पहले के मौसम में एक बार फिर मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। इसकी वजह कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप को बताया जाता है जो ब्रिटेन में फैला हुआ है।
अधिक संक्रामक वायरस के खिलाफ टीके भी कम प्रभावी हैं जिसका आशय हुआ कि ब्रिटेन यदि महामारी को नियंत्रित करना चाहता है तो उसे बहुत बड़े स्तर पर टीकाकरण कराना होगा। ब्रिटेन की करीब 60 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह टीका लग चुका है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रवि गुप्ता ने कहा, अगर आपको टीकों पर भरोसा है तो सभी को टीका लगवाइए। लेकिन उन्होंने आधा टीकाकरण किया है और सबकुछ खोल दिया है। और इससे आशंका है कि अगले कुछ महीने चीजें सही नहीं होने वाली।