संगीत नाटक अकादमी में नाटक का मंचन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, लखनऊ तथा उर्दू मास कम्युनिकेशन एंड मीडिया सेंटर द्वारा त्रैमासिक प्रशिक्षण के अंतर्गत गिरीश कर्नाड द्वारा लिखित प्रसिद्ध नाटक तुगलक का भव्य मंचन किया गया। प्रस्तुति का निर्देशन ख्यातिप्राप्त रंग निर्देशिका चित्रा मोहन ने किया, जबकि डॉ. सीमा मोदी ने सह निर्देशन एवं मंच प्रबंधन का दायित्व निभाया।
कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सेक्रेटरी जनाब शौकत अली साहब ने दीप प्रज्वलन कर किया। डॉ. सीमा मोदी ने स्वागत भाषण में लता हया की एक सुंदर नज्म प्रस्तुत कर हिंदी और उर्दू के गहरे संबंधों को उजागर किया। ‘तुगलक’ गिरीश कर्नाड द्वारा रचित एक ऐतिहासिक नाटक है, जो 14वीं शताब्दी के शासक मुहम्मद बिन तुगलक के जीवन और शासन पर आधारित है। तुगलक को एक ऐसा शासक दिखाया गया है जो बुद्धिमान, दूरदर्शी और समानता की भावना से प्रेरित है। उसने समाज में सुधार लाने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए—जैसे राजधानी को दिल्ली से दौलताबाद स्थानांतरित करना और तांबे के सिक्कों को चलन में लाना।हिन्दू मुस्लिम तहजीबों को एक करने की मुसलसल कोशिश करना। हालांकि, उसकी योजनाएं व्यवहारिक धरातल पर कमजोर साबित होती हैं। उसका अत्यधिक आदर्शवाद कई बार सनक की सीमा तक पहुँच जाता है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ता है। अंतत: वह अकेलापन, आत्म-संशय और विफलता से ग्रसित हो जाता है। यह नाटक न केवल एक ऐतिहासिक कथा है, बल्कि यह समानता, सुधार और आदर्श तथा यथार्थ के संतुलन का संदेश भी देता है। तुगलक का पात्र यह दशार्ता है कि अच्छी नीयत के साथ किए गए निर्णय,आपके निजी जीवन में भी, यदि जमीनी सच्चाई से कटे हों, तो वे विफल हो सकते हैं। नाटक मानव स्वभाव, नीति व सामाजिक जटिलताओं को गहराई से प्रस्तुत करता है। इस नाटक के मंचन ने दर्शकों को गहरी वैचारिक यात्रा पर ले जाते हुए ऐतिहासिक किरदार मुहम्मद बिन तुगलक के जीवन की जटिलताओं, आदर्शवाद एवं उसकी विफलताओं को बड़े प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। मंचन के दौरान बरनी और तुगलक की ‘रूहों’ की नेपथ्य से संवाद शैली ने दर्शकों की सोच को झकझोरा।
मुख्य पात्रों में नवनीत मिश्रा अजहर जमाल, नरेंद्र नाथ पाठक, अभिषेक शर्मा सौम्या अदित्री, सिद्धार्थ मौर्या, अश्विन कृष्णा गौड़, राहुल मिश्रा, संदीप यादव, सुधाकर दूबे, संजय अरोड़ा समेत सभी कलाकारों ने बेजोड़ अभिनय कर दर्शकों को रोमांचित किया।