नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण तथा उसकी देखरेख के लिए बनाए गए ट्रस्ट ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ की पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली में बुलाई गई है। जानकारी के मुताबिक, बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष का चुनाव किए जाने की योजना है।
बाबरी एक्शन कमेटी, राम मंदिर निर्माण से जुड़े हुये एन जी ओ ,भाजपा सहित सभी राजनीतिक दल तो अपनी राजनीति और रोजी रोटी को बनाये रखने के लिये मंदिर निर्माण के स्थान पर मुद्दा जीवंत बना। ट्रस्ट के दिल्ली ऑफिस में यह बैठक शाम को पांच बजे रखी गई है। बैठक में दो अतिरिक्त सदस्यों का चुनाव भी किया जा सकता है। इसके अलावा राम मंदिर निर्माण कब से शुरू करना है, इसे लेकर भी ट्रस्ट की बैठक में घोषणा की जा सकती है।
सूत्रों की मानें तो आगामी रामनवमी (2 अप्रैल) या अक्षय तृतीया (26 अप्रैल) से राम मंदिर का निर्माण शुरू करने पर सहमति बन सकती है। आपको बता दें कि इसी महीने केन्द्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट बनाने के लिए मंजूरी दी थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन का प्रस्ताव पारित किया है।
उन्होंने बताया था कि यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की तीर्थस्थली पर भव्य और दिव्य राम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा। गौरतलब है कि ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट में कुल 15 सदस्यों को शामिल किया गया है।
ट्रस्ट में अयोध्या केस में लंबे समय से हिंदू पक्ष की पैरवी करने वाले के. परासरण को ट्रस्टी बनाया गया है। पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित पराशरण के अलावा इस ट्रस्ट में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, जगद्गुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, युगपुरुष परमानंद जी महाराज और स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज भी शामिल हैं।
साथ ही अयोध्या राज परिवार के बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, होम्योपैथी के डॉक्टर और आरएसएस के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह डॉ. अनिल कुमार मिश्र, १९८९ के राम मंदिर आंदोलन में पहली ईंट रखने वाले ‘पहले कारसेवक’ कामेश्वर चौपाल, निमोर्ही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास भी ट्रस्ट में शामिल हैं।