नयी दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बातचीत की और उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं दीं। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और अमेरिका दोनों ही दुनिया को आशा की किरण दिखाते रहेंगे और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहेंगे। ट्रंप की ओर से यह फोन ऐसे वक्त में किया गया है जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर देगा। ट्रंप की इस टिप्पणी के बाद भारत ने कहा कि ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा राष्ट्रपति ट्रंप आपके फोन करने और दिवाली की शुभकामनाएं देने के लिए धन्यवाद। रोशनी के इस पर्व पर दोनों महान लोकतंत्र दुनिया को आशा की किरण दिखाते रहें और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट रहें। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान पाकिस्तान पर चर्चा नहीं हुई। मोदी और ट्रंप के बीच 16 सितंबर के बाद से फोन पर हुई यह तीसरी बातचीत है जिसकी सार्वजनिक रूप से जानकारी दी गयी है।
दोनों नेताओं के बीच फोन पर यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने और अन्य मुद्दों को लेकर अमेरिका&भारत संबंधों में तल्खी है इसमें भारत के रूसी तेल की खरीद पर अमेरिका द्वारा लगाया 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है। ट्रंप ने मंगलवार रात को दिवाली समारोह का आयोजन किया जिसमें अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा और कई प्रमुख भारतीय मूल के व्यापारिक नेता शामिल हुए।
समारोह में अपने संबोधन में ट्रंप ने फिर से अपना यह दावा दोहराया कि भारत रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को एक महान नेता और मित्र बताया और भारत&पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए अपनी व्यापार&केंद्रित कूटनीति का भी जिक्र किया। ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के बाद से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव है। भारत ने अमेरिकी कार्वाई को अनुचित अपारदर्शी और अविवेकपूर्ण बताया है।
अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर ने दो सप्ताह पहले नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। बैठक के बाद गोर ने कहा था कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। गोर ने विदेश मंत्री एस- जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विक्रम मिसरी से भी बातचीत की थी।





