अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए सोनभद्र से पहुंचे आदिवासी और वनवासी समुदाय के प्रतिनिधियों का यहां भव्य स्वागत किया गया। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि इस ऐतिहासिक मौके पर सामाजिक समरसता की कड़ी जोड़ते हुए बाबरी विवाद के एक मुद्दई के बेटे को भी ससम्मान आमंत्रित किया गया और वह उत्साह के साथ शामिल हुए हैं।
एक पदाधिकारी ने कहा कि श्री राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा बुलाए गए मेहमानों का विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों ने शानदार स्वागत किया। अधिकारियों के मुताबिक, राम मंदिर ट्रस्ट ने शहर भर में अलग-अलग जगहों पर मेहमानों के रहने का इंतजम किया है और सभी को सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि मेहमानों ने मेहमाननवाजÞी के लिए बहुत शुक्रिया अदा किया। त्रिपाठी ने बताया, उन्होंने (आदिवासी मेहमानों ने) कहा कि भगवान राम ने 14 साल जंगल में रहने वाले समुदायों के बीच बिताए और उनके भव्य मंदिर के बनने के इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनना उनके लिए एक आशीर्वाद है।
उन्हें लगा कि उनकी जिंदगी बेहतर हो गई है। महापौर ने कहा कि मेहमान रामलला से जुड़े समारोह में हिस्सा लेने को लेकर भावनाओं से ओतप्रोत और उत्साहित दिखे और मंदिर ट्रस्ट को उन्होंने खास धन्यवाद दिया। हनुमान गढ़ी के पुजारी महंत राजू दास ने कहा कि ट्रस्ट ने समाज के सभी वर्गों के लोगों को न्योता दिया है। आमंत्रित लोगों में इकबाल अंसारी भी हैं, जिनके पिता हाशिम अंसारी बाबरी मस्जिद मामले में मुकदमा लड़ने वाले प्रमुख लोगों में से एक थे। हाशिम अंसारी ने पत्रकारों से कहा, मैं भी दूसरों की तरह न्योता पाकर बहुत खुश हूं, और मैं समारोह में शामिल हो रहा हूं।





